शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट (Demat Account) की जरूरत होती है। जैसे-जैसे बाजार नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है, डीमैट खाते खोलने वाले नए निवेशकों की संख्या में वृद्धि हो रही है। दिसंबर 2023 में 41.78 लाख से अधिक डीमैट अकाउंट खोले गए। यह किसी एक महीने में खुले डीमैट अकाउंट के मामले में सबसे अधिक मासिक वृद्धि है। सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस एंड नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर महीने में 27.81 लाख डीमैट अकाउंट खोले गए थे और दिसंबर 2022 में खुले अकाउंट्स की संख्या 21 लाख थी। देश में कुल डीमैट अकाउंट्स की संख्या 13.93 करोड़ को पार कर गई, जो एक महीने पहले से 3.1 प्रतिशत और एक साल पहले से 28.66 प्रतिशत अधिक है।
एक्सिस सिक्योरिटीज के एक विश्लेषक राजेश पालविया का कहना है कि आगे चलकर डीमैट खातों की संख्या में लगातार वृद्धि की उम्मीद है। डीमैट खातों में उछाल का श्रेय हाल के राज्य चुनाव परिणामों, आर्थिक प्रगति, शेयर बाजार के बेहतर प्रदर्शन, धड़ाधड़ आ रहे आईपीओ और अनुकूल लिस्टिंग से प्रेरित सकारात्मक बाजार रुझानों को जाता है। 5 राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव परिणामों ने लोगों में 2024 के आम चुनावों के लिए राजनीतिक निश्चितता की भावना पैदा की है।
अप्रैल के जैसे रैली चूकना नहीं चाहते हैं निवेशक
भारत में चुनावों के अलावा ऐसी भी उम्मीदें हैं कि यूएस फेड इस साल ब्याज दरों में और बढ़ोतरी से परहेज करेगा। विश्लेषकों का मानना है कि इन फैक्टर्स ने बाजार में महत्वपूर्ण गति ला दी है, जिससे अप्रैल की रैली का फायदा उठाने से चूक गए लोग अब डीमैट खाते खोलने के लिए प्रेरित हुए हैं। साल 2023 में सेंसेक्स 18.8 प्रतिशत और निफ्टी 20 प्रतिशत बढ़ा। वहीं बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप ने क्रमश: 45.5 प्रतिशत और 47.5 प्रतिशत की छलांग लगाई।
पालविया का कहना है कि हालिया अस्थिरता और मुनाफावसूली के बावजूद बाजार में तेजी बने रहने की उम्मीद है। निवेशकों के लिए सलाह है कि वे निवेश में बने रहें और गिरावट के दौरान गुणवत्ता वाले शेयरों में पैसे लगाने पर विचार करें। एफएमसीजी, आईटी, केमिकल और उर्वरक जैसे कई सेक्टर्स के शेयरों ने अभी तक रैली में भाग नहीं लिया है। यह बाजार में संभावित अवसरों का संकेत देता है। पालविया को उम्मीद है कि निफ्टी संभावित रूप से 23,500 लेवल तक पहुंच जाएगा।
IPO के मुनाफे से भी प्रेरित हैं निवेशक
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि डीमैट खातों में उछाल हाल के महीनों में मुनाफा कराने वाले कई आईपीओ के चलते भी आया है। छोटे निवेशकों ने इनका लाभ उठाने की कोशिश की। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड ने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया है, पारंपरिक बचत की तुलना में बेहतर रिटर्न दिया है। इसके अतिरिक्त बैंक के नेतृत्व वाले ब्रोकर्स ने तेजी से बढ़ते इक्विटी बाजारों के बीच थ्री-इन-वन खाता सुविधाओं की पेशकश करके एक बड़े कस्टमर बेस को आकर्षित किया, जिससे निवेश को और प्रोत्साहन मिला।