उद्योग/व्यापार

व्यापार के मामले में चीन और यूरोपीय संघ पर भारत की निर्भरता बढ़ी: UNCTAD

व्यापार के मामले में चीन और यूरोपीय संघ पर भारत की निर्भरता बढ़ी: UNCTAD

ट्रेड के मामले में यूरोपीय संघ (EU) और चीन पर भारत की निर्भरता बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो साल में भू-राजनीतिक आधार पर ग्लोबल ट्रेड में रीस्ट्रक्चरिंग देखने को मिली है। राष्ट्रीय आंकड़ों के आधार पर पेश किए गए UNCTAD के अनुमानों के मुताबिक, 2023 में यूरोपीय संघ और चीन पर भारत की निर्भरता में सालाना आधार पर 1.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी देखने को मिली, जबकि सऊदी अरब पर निर्भरता में 0.6 पर्सेंट कमी हुई।

चीन और यूरोपीय संघ पर निर्भरता बढ़ने की खबर ऐसे समय में आई है, जब भारत स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग पर जोर देकर चीन और अन्य देशों से इंपोर्ट कम करने की कोशिश कर रहा है। भारत सरकार ने स्थानीय स्तर पर प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम (PLI) और क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर (QCOs) जैसी स्कीम का सहारा लिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सप्लाई चेन में यह बदलाव कोरोना और यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद देखने को मिला है, जिसके बाद खाने-पीने की चीजों और ईंधन की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ पिछले दो साल में अंतरराष्ट्रीय व्यापार की भौगोलिक अपेक्षाकृत स्थिर रही है। हालांकि, 2022 की दूसरी छमाही से अंतरराष्ट्रीय व्यापार की राजनीतिक नजदीकी बढ़ गई है।’ इसका मतलब यह है कि एक ही तरह की भूराजनीतिक स्थिति वाले द्विपक्षीय व्यापार का पैटर्न ज्यादा अनुकूल है।

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