वोल्कर टर्क ने हाल ही में सीरिया की कार्यवाहक सरकार के नेता अहमद अल-शरा से मुलाक़ात करने के बाद, बुधवार को राजधानी दमिश्क से बात करते हुए कहा कि उन्हें “सभी सीरियाई लोगों और सीरियाई समाज के सभी विभिन्न घटकों के लिए मानवाधिकारों के सम्मान के महत्व का भरोसा दिया गया है”.
वोल्कर टर्क ने कहा कि सीरिया के कार्यवाहक नेता अहमद अल-शरा ने “चिकित्सा, विश्वास निर्माण और सामाजिक सामंजस्य व संस्थानों के सुधार के लिए काम करने की कोशिश” को भी रेखांकित किया.
ग़ौरतलब है कि अहमद अल-शरा ने, 8 दिसम्बर को विपक्षी लड़ाकों हयात तहरीर अल शाम (HTS) के नेतृत्व में, तत्कालीन राष्ट्रपति बशर अल असद को सत्ता से हटाने के अभियान का नेतृत्व किया था.
हतप्रभ ज़रूरतें
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने आगे कहा कि “…चुनौतियाँ बहुत बड़ी हैं, लाखों लोगों की जान चली गई है” और देश का अधिकांश हिस्सा बर्बाद हो गया है.
उन्होंने कहा कि इस समय सीरिया में, औसतन 10 में से नौ सीरियाई लोग “ग़रीबी में फँसे हुए हैं, स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा चुकी है और बहुत से स्कूल बन्द हैं.”
“लाखों लोग अब भी देश के अन्दर और बाहर विस्थापित हैं. भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास के अधिकार मौलिक मानवाधिकार हैं, और उनकी गारंटी सुनिश्चित करने के लिए त्वरित, सामूहिक और ठोस प्रयास करने होंगे.”
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने सीरिया पर चल रहे अन्तरराष्ट्रीय प्रतिबन्धों को हटाने के उद्देश्य से” तत्काल पुनर्विचार करने का आहवान किया और कहा कि सीरियाई लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव पर विचार करना बहुत ज़रूरी है.
सेडनाया की भयावहता
वोल्कर टर्क सीरिया की यात्रा करने वाले पहले यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने यातना के बहुत से पीड़ितों की दर्दनाक आपबीतियाँ सुनी हैं.
इनमें राजधानी दमिश्क के बाहरी इलाक़े में स्थित कुख्यात सेडनया जेल में बन्द कुछ लोगों की आपबीतियाँ शामिल हैं, जहाँ उनके कार्यालय ने “सालों तक” मानवाधिकार उल्लंघनों के बारे में दस्तावेज़ तैयार किये हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अधिकार प्रमुख ने क़ैदियों से सुना कि “जब सुबह-सुबह, उन्होंने अपने दरवाज़े पर गार्ड की आवाज़ सुनी, तो वे डर से काँप उठे, वे कोठरी के पीछे की ओर चले गए, उन्हें डर था कि उन्हें फिर से यातना देने के लिए बाहर निकाला जाएगा, या यहाँ तक कि उन्हें मार भी दिया जाएगा.”
मानवाधिकार उच्चायुक्त ने बताया कि सीरिया में जेलों में हज़ारों लोग मारे गए. उन्होंने दमिश्क में जोबार आवासीय इलाक़े में बमबारी की निन्दा की जिससे ये इलाक़ा एक “सर्वनाशकारी बंजर भूमि” में तब्दील हो चुका है.
सामूहिक हत्याएँ, विनाश
वोल्कर टर्क ने कहा कि उन “ताबड़तोड़ हमलों में बमबारी से, क्षेत्र की एक भी इमारत नहीं बची है.”
“इस तरह की सामूहिक हत्याओं और विनाश के बारे में अन्दाज़ा लगाना भी अकल्पनीय” है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने कहा कि यह मानना भी उतना ही मुश्किल है कि “देश के अन्य हिस्सों में नागरिकों के ख़िलाफ़, प्रतिबन्धित रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया, और केवल एक बार नहीं”.
यह स्थिति “पूर्व सरकार द्वारा इस्तेमाल की गई रणनीति की अत्यधिक क्रूरता के बारे में बहुत कुछ बयान करती है”, जिसके कृत्य “अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत सबसे गम्भीर अपराधों के दायरे में आते हैं.”