फेड द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। इसके साथ ही फेड द्वारा 2024 में तीन दरों में कटौती के पिछले पूर्वानुमान पर कायम रहने, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, वैश्विक आईटी कंपनी एक्सेंचर ( Accenture) के कमजोर गाइडेंस और लगातार FII बिकवाली जारी रहने के चलते बाजार हायर वोलैटिलिटी दिखी। इस सबके बीच 22 मार्च को समाप्त हफ्ते में भारतीय बाजार मामूली लाभ के साथ बंद हुआ। इस सप्ताह में, बीएसई सेंसेक्स 188.51 या 0.25 प्रतिशत बढ़कर 72,831.94 पर बंद हुआ। जबकि एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स 73.45 अंक या 0.33 प्रतिशत बढ़कर 22,096.80 पर बंद हुआ।
BSE Small-cap index 2 प्रतिशत चढ़ा
बीएसई स्मॉल-कैप इंडेक्स में लगभग 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। मनोज वैभव जेम्स एन ज्वैलर्स, ईमुधरा, वाडीलाल इंडस्ट्रीज, धानी सर्विसेज, जेनसोल इंजीनियरिंग, रिलायंस पावर, सोभा, द अनुप इंजीनियरिंग, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वान एनर्जी, प्राज इंडस्ट्रीज, स्किपर, जयसवाल नेको इंडस्ट्रीज और फाइव-स्टार बिजनेस फाइनेंस के शेयरों में 15-42 प्रतिशत का इजाफा हुआ। दूसरी ओर, टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन, एम के प्रोटीन्स, जय बालाजी इंडस्ट्रीज, पीसी ज्वैलर, सनमित इंफ्रा, गुजरात अंबुजा एक्सपोर्ट्स और डीबी रियल्टी के शेयरों में कमजोरी रही।
BSE Mid-cap Index 1.5 प्रतिशत बढ़ा
बीएसई मिड-कैप इंडेक्स 1.5 प्रतिशत बढ़ा। सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस, टोरेंट पावर, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स, ओबेरॉय रियल्टी, जिंदल स्टील एंड पावर और कमिंस इंडिया में मजबूती के चलत इंडेक्स बढ़ा। जबकि एमआरएफ, रिलैक्सो फुटवियर्स, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, अल्केम लेबोरेटरीज, एबॉट इंडिया, इंडियन बैंक और एमफैसिस में गिरावट देखने को मिली।
BSE Large-cap Index 0.6 प्रतिशत चढ़ा
एवेन्यू सुपरमार्ट्स, एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स (नायका), जोमैटो, वन 97 कम्युनिकेशंस (पेटीएम) और इंडस टावर्स के नेतृत्व में बीएसई लार्ज-कैप इंडेक्स में 0.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जबकि इंफोसिस, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और अदाणी टोटल गैस में दबाव देखने को मिला।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट वैल्यू बढ़ा
मार्केट वैल्यू के लिहाज से देखें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट वैल्यू सबसे अधिक बढ़ा। इसके बाद मारुति सुजुकी इंडिया, बजाज फाइनेंस और सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज का नंबर रहा। दूसरी ओर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस और एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने अपना अधिकांश मार्केट-कैप गंवा दिया। (डिस्क्लोजर: Moneycontrol.com नेटवर्क 18 का हिस्सा है। नेटवर्क 18 मीडिया एंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड पर इंडिपेंडेंट मीडिया ट्रस्ट का मालिकाना हक है। इसकी बेनफिशियरी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।)
सेक्टोरल इंडेक्स पर नजर डालें तो आईटी कंपनी Accenture द्वारा अपने पूरे साल के रेवन्यू वृद्धि अनुमान को संशोधित करने के बाद निफ्टी आईटी इंडेक्स में 6 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि, निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 5.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। निफ्टी ऑटो और मेटल इंडेक्सेस में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
सप्ताह के दौरान, विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign institutional investors (FIIs) ने अपनी बिक्री बढ़ा दी। उन्होंने 8,365.53 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची। जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (Domestic institutional investors (DIIs) ने 19,351.62 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया दबाव में रहा। 22 मार्च को समाप्त हफ्ते में रुपया डॉलर के मुकाबले 54 पैसे गिरकर 83.42 पर बंद हुई। जबकि 15 मार्च को यह 82.88 पर बंद हुआ था।
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)