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विपक्षी गठबंधन में कौन होगा पीएम कैंडिडेट? आप की अदालत में सचिन पायलट ने बता दिया

विपक्षी गठबंधन में कौन होगा पीएम कैंडिडेट? आप की अदालत में सचिन पायलट ने बता दिया

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‘आप की अदालत’ में कांग्रेस नेता सचिन पायलट

‘आप की अदालत’ में कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट से रजत शर्मा ने कई सुलगते मुद्दों पर सवाल किए। इस दौरान रजत शर्मा ने पायलट से पूछा कि अब लोकसभा चुनावों में समय कम बचा है और अभी यह तय नहीं हो पाया कि इस अलायंस का संयोजक कौन होगा? विपक्षी गठबंधन से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा? इस पर सचिन पायलट ने कहा कि बहुत पहले निर्णय लिया गया था कि हम किसी पद की महत्वकांक्षा रखते हुए नेतागिरी नहीं करेंगे। कौन किस पद पर बैठेगा, इस बात का निर्णय समय पर लिया जाएगा।

“कई बार हम आपस में लड़ते है…”

इंडिया अलायंस में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा? इस सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि पहला उद्देश्य ये है कि हम एकजुटता बनाएं। यह आसान नहीं है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि इतने सारे दल हैं, अलग-अलग पृष्ठभूमि है, लोगों के सोचने का तरीका अलग-अलग है। कई बार हम आपस में लड़ते भी हैं, एक दूसरे के सामने। आप कल्पना कीजिए इतने बड़े देश में अलग-अलग पार्टी को साथ लेकर आना और स्मूथली उसको आगे ले जाना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन सबको लगा कि यह एकजुटता और एकता जरूरी है। पायलट ने कहा कि इसलिए इंडिया अलायंस का गठन हुआ और मुझे लग रहा है कि इंडिया अलायंस के गठन से विपक्ष की जो एकता है, वह अगर मजबूती से आगे बढ़ती है तो एनडीए के साथ एक अच्छा चुनावी मुकाबला होगा। 

उन्होंने आगे कहा कि यह मत भूलिए कि एनडीए के जो पार्टनर थे अकाली दल, शिवसेना, जेडीयू, सब बीजेपी को छोड़कर चले गए। अब बीजेपी को लगता है कि अपने दम पर पूरा मैदान फतह कर लेंगे तो लोकसभा चुनाव में पता चल जाएगा।

सीट शेयरिंग के सवाल पर क्या बोले पायलट?

वहीं जब सचिन पायलट से यह पूछा गया कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है तो पायलट ने जवाब दिया कि जहां तक सीट शेयरिंग की बात है तो हर क्षेत्रीय पार्टी का महत्व है। चाहे वह बंगाल हो, महाराष्ट्र, बिहार या पंजाब हो, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर अगर भाजपा को कोई चुनौती दे सकता है तो वह नेशनल कांग्रेस पार्टी है। हम सब समझते हैं कि हमको कुछ ना कुछ करना पड़ेगा। सीट शेयरिंग के लिए हम तैयार हैं क्योंकि जम्हूरियत के लिए, लोकतंत्र के लिए यह चुनाव जीतना जरूरी है। एक मजबूत विपक्ष ही लोकतंत्र को चला सकता है। इसलिए ‘इंडिया’ का जो हमारा गठबंधन हुआ है वह मुद्दों को लेकर हुआ है और बहुत जल्द सारे मामलों को सुलझा करके हम लोग सीट शेयरिंग कर लेंगे।

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