लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ वाराणसी लोकसभा सीट पर फिर से उम्मीदवार बनाए गए उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि इस बार बनारस में इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) और भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बीच सीधा मुकाबला है और चुनाव में स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा भी अहम भूमिका निभाएगा। राय ने रविवार को कहा, इस दफा लोकसभा चुनाव सीधे तौर पर ‘इंडिया’ और एनडीए के बीच होगा।
इससे समीकरण बदल गए हैं और चुनावी माहौल भी बिल्कुल परिवर्तित हो चुका है। जनता बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और भाजपा के विकास के झूठे दावों से त्रस्त है और वह इस बार बदलाव का मन बना चुकी है। राय ने कहा, अब लड़ाई वन-टू-वन हो गई है इसलिए बनारस का समीकरण बदल चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले कई चुनावों में ऐसा देखने को मिला था कि भाजपा और मुख्य विपक्षी पार्टी के साथ-साथ कोई तीसरा मजबूत उम्मीदवार भी खड़ा हो जाता था जिसकी वजह से वोट कई जगह बंट जाता था।
मगर इस बार इंडिया और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला है और इस बार चुनाव में ‘हमारा इंडिया गठबंधन जीतेगा।’ वाराणसी की कोलअसला सीट से तीन बार और पिंडरा सीट से एक दफा विधायक रह चुके अजय राय ने कहा कि इस बार वाराणसी में स्थानीय बनाम बाहरी उम्मीदवार का मुद्दा भी हावी है। राय ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भी मोदी के खिलाफ मैदान में उतरने पर ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ का मुद्दा उठाया था लेकिन दोनों बार उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री का संसदीय निर्वाचन क्षेत्र होने के बावजूद पिछले 10 सालों में वाराणसी की बुनियादी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं और जो विकास कार्य हुए भी हैं उनमें गुजरात लॉबी को ही फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई है। गुजरात प्रधानमंत्री मोदी का गृह राज्य है। राय ने आरोप लगाया कि वाराणसी में जो भी स्थाई नौकरियां पैदा हुईं उन पर गुजरात के लोगों को ही नियुक्त किया गया। इससे आम जनमानस में यह धारणा बैठ चुकी है कि उन्हें उन्हीं के घर में रोजगार से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि वाराणसी के स्थानीय लोग अब इस बात पर एकमत हो रहे हैं कि कोई भी बाहरी उम्मीदवार उनके दुख-दर्द को नहीं समझ सकता, लिहाजा अब वे परिवर्तन का मन बना चुके हैं।
बाहुबली राजनेता की छवि रखने वाले राय ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पिछले 10 वर्षों से मोर्चा ले रहे हैं। मोदी से टक्कर लेने वाले कई लोग या तो क्षेत्रछोड़कर भाग गए, कोई जेल चला गया, तो कोई भाजपा में शामिल हो गया लेकिन वह आज भी संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने हमेशा साफ-सुथरी राजनीति की है। राय ने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई के साथ-साथ भ्रष्टाचार का मुद्दा भी इस चुनाव में प्रमुखता से उठाया जाएगा। उन्होंने चुनावी बांड मामले को लेकर हुए खुलासों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे भाजपा की असलियत जनता के सामने खुल चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसका भी चुनावी माहौल पर व्यापक असर नजर आएगा।’’ उन्होंने कहा कि वह क्षेत्र में इस मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाएंगे कि जो भाजपा खुद के गौ रक्षक होने का दावा करती है, उसने बीफ का कारोबार करने वाली कंपनियों तक से चुनावी बांड के तौर पर चंदा लिया। कांग्रेस ने शनिवार को उत्तर प्रदेश में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। पार्टी ने अजय राय को पिछले दो बार से सांसद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुकाबले वाराणसी से मैदान में उतारा है। राय वर्ष 2009, 2014 और 2019 में वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि तीनों ही बार उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। वर्ष 2009 में उन्होंने सपा के टिकट पर जबकि 2014 और 2019 में कांग्रेस के टिकट पर वाराणसी से चुनाव लड़ा था। साल 2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में राय 1,52,548 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
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