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लोकसभा चुनाव में दक्षिण भारत से बीजेपी को मिल सकता है इस पार्टी का साथ, अमित शाह और जेपी नड्डा से मिला ये नेता

लोकसभा चुनाव में दक्षिण भारत से बीजेपी को मिल सकता है इस पार्टी का साथ, अमित शाह और जेपी नड्डा से मिला ये नेता

अमित शाह और जेपी नड्डा से मिले चंद्रबाबू नायडू- India TV Hindi

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अमित शाह और जेपी नड्डा से मिले चंद्रबाबू नायडू

नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। गठबंधन के साथी तलाशे जा रहे हैं। नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हो चुकी है। वहीं अब एनडीए का एक अन्य दल भी वापसी के लिए आतुर है। इसी क्रम में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर त्रिपक्षीय चुनावी गठबंधन पर चर्चा करने के लिए बुधवार देर रात दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से मुलाकात की। 

बीजेपी भी गठबंधन के लिए तैयार- सूत्र 

सूत्रों ने कहा कि टीडीपी अध्यक्ष चुनावों से पहले बीजेपी के साथ गठबंधन करने के इच्छुक हैं और वहीं बीजेपी के भी कई नेताओं का मानना ​​है कि नायडू के साथ साझेदारी से एनडीए को वाईएसआर कांग्रेस शासित राज्य में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन के लिए तैयार है लेकिन यह सब इस पर निर्भर करेगा कि राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी टीडीपी कितनी सीटें देने पर सहमत होती है, खासकर लोकसभा चुनावों के लिए।

TDP साल 2018 में एनडीए से अलग हो गई थी

हालांकि अभी गठबंधन की बातचीत शुरुआती दौर में है लेकिन अगर नायडू एनडीए में वापस लौटते हैं तो सत्तारूढ़ गठबंधन को मजबूत करने में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की यह दूसरी सफलता होगी। हाल ही में जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष से नाता तोड़ लिया और बीजेपी से हाथ मिला लिया था। बता दें कि TDP साल 2018 में एनडीए से अलग हो गई थी, जिसके बाद उसने 2019 का चुनाव अकेले लड़ा था और बुरी तरह से हार मिली थी। 

नायडू के अमित शाह से पिछले साल भी हुई थी मुलाकात 

इन चुनावों में हार के बाद से ही टीडीपी ने एनडीए के साथ आने की कोशिश दोबारा शुरू कर दी थी। पिछले साल जून में चंद्रबाबू नायडू ने अमित शाह और नड्डा से मुलाकात की थी। इस बैठक से दोनों दलों के गठबंधन को पुनर्जीवित करने की अटकलें तेज हो गई थीं , क्योंकि 2018 में टीडीपी के एनडीए से बाहर निकलने के बाद यह अमित शाह के साथ नायडू की पहली मुलाकात थी। हालांकि, बीजेपी नायडू के प्रस्तावों के प्रति उदासीन थी, क्योंकि वाईएसआरसीपी ने मोदी सरकार के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखे थे और कई प्रमुख विधेयकों को पारित करने में संसद में उसका समर्थन किया था।

 

 

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