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लेबनान संकट: 72 घंटों में, 90 हज़ार से अधिक लोग विस्थापित, UNHCR की चेतावनी

लेबनान संकट: 72 घंटों में, 90 हज़ार से अधिक लोग विस्थापित, UNHCR की चेतावनी

इस बीच, इसराइली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतनयाहू, यूएन महासभा के 79वें सत्र के दौरान जनरल डिबेट को सम्बोधित करने के लिए न्यूयॉर्क पहुँचे हैं.

कुछ ही घंटे पहले, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सुरक्षा परिषद को आगाह किया था कि लेबनान में मुसीबत का तूफ़ान मच उठा है. लेबनान और इसराइल को अलग करन वाली ‘ब्लू लाइन’ सीमा पर बमबारी पहले की तुलना में कहीं अधिक तीव्रता से हो रही है.

अमेरिकी नेता जो बाइडेन ने यूएन महासभा में विश्व नेताओं को सम्बोधित करते हुए सचेत किया था कि हिज़बुल्लाह और इसराइल के बीच पूर्ण रूप से युद्ध भड़कने की सम्भावना है.

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, हिज़बुल्ला के ठिकानों पर इसराइली हमलों के बाद गुरुवार तड़के अपने घर छोड़कर भागने के लिए मजबूर हुए हैं. इसराइल ने ये कार्रवाई इसराइल पर हुए हमलों के बाद की है, जिसमें पहली बार मिसाइल के ज़रिये तेल अवीव को निशाना बनाया गया है. 

सीरिया में यूएन शरणार्थी एजेंसी के प्रतिनिधि गोंज़ालो वर्गास ल्लोसा ने बताया कि हज़ारों सीरियाई व लेबनानी परिवार, सीरिया की सीमा पार करके वहाँ पहुँच रहे हैं. वे महिलाएँ, बच्चे और पुरुष हैं.

इसराइली सेना ने बीती रात पूर्वी लेबनान में बेका घाटी और दक्षिणी लेबनान में 70 स्थानों को निशाना बनाया है. इन दोनों इलाक़ों को हिज़बुल्लाह गुट का गढ़ माना जाता है.

पिछले कुछ दिनों में चिन्ताजनक हालात उपजने और मानवीय आवश्यकताओं के मद्देनज़र, यूएन शरणार्थी एजेंसी, सीरियाई अरब रैड क्रेसेन्ट के साथ मिलकर ज़रूरतमन्दों के लिए भोजन, जल, कम्बल और ग़द्दों का प्रबन्ध करने में जुटी है.

बड़ी संख्या में विस्थापितों को सीमावर्ती इलाक़े में खुले में रात गुज़ारने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है.

सहायता अभियान

पिछले सप्ताहांत, लेबनान में हिज़बुल्लाह सदस्यों द्वारा इस्तेमाल में लाए जने वाले पेजर व वॉकी-टॉकी संचार उपकरणों में धमाकों के जवाब में इसराइल पर रॉकेट हमले किए गए थे. उसके बाद से ही हिंसा में और तेज़ी आई है.

समाचार माध्यमों के अनुसार, अमेरिका, योरोपीय व अरब देशों की ओर से 21 दिनों के लिए युद्धविराम के एक प्रस्ताव के, इसराइल में नेतनयाहू सरकार ने ख़ारिज कर दिया है.

लेबनान में आंतरिक मामलों के मंत्रालय के आँकड़े दर्शाते हैं कि सरकार द्वारा संचालित 533 केन्द्रों पर 70 हज़ार से अधिक विस्थापितों का पंजीकरण किया गया है. 

पिछले कई महीनों से हिज़बुल्लाह और इसराइल के बीच जारी टकराव के कारण अब तक कुल पाँच लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं. हिंसा में अब तक 600 से अधिक लोगों की जान गई और 1,835 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

यूएन शरणार्थी संगठन अपने साझीदार संगठनों के साथ मिलकर अपने घरों से विस्थापित हुए लोगों तक मानवीय राहत पहुँचाने में जुटे हैं. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने सहायता अभियान के लिए और अधिक धनराशि की पुकार लगाई है.

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