विश्व

लेबनान में भी ग़ाज़ा जैसा संकट खड़ा हो जाने की आशंकाएँ

लेबनान में भी ग़ाज़ा जैसा संकट खड़ा हो जाने की आशंकाएँ

लेबनान में विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के देशीय निदेशक मैथ्यू हॉलिन्गवर्थ ने बेरूत से बताया कि 10 लाख से अधिक लोगों की ज़रूरतों को तत्काल पूरा कर पाना असम्भव है.

वे एकदम से अपने घर से विस्थापित हुए हैं और उनके पास संसाधन नहीं पहुँच रहे हैं.

उन्होंने कहा कि यह इस स्थिति से निपटने के लिए एक तैयार देश नहीं है, चूँकि पिछले कुछ वर्षों में इसने बहुत सी चुनौतियाँ झेली हैं. “इसलिए यह एक संघर्ष होने जा रहा है.”

संयुक्त राष्ट्र ने एक सप्ताह पहले लेबनान संकट से प्रभावित लोगों तक मदद पहुँचाने के लिए 42.6 करोड़ डॉलर की अपील जारी की थी, जिसके लिए फ़िलहाल 12 प्रतिशत योगदान ही सम्भव हो पाया है.

मैथ्यू हॉलिन्गवर्थ ने कहा कि मानवीय सहायता टीम, ज़रूरतमन्दों तक पहुँचने के लिए प्रतिबद्ध हैं. फ़िलहाल ज़रूरतमन्दों में बड़ी संख्या उन लोगों की है, जो लड़ाई में अचानक आई तेज़ी की वजह से बिना किसी सामान के ही घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं.

WFP के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान विस्थापित हुए लोग, इन हालात के लिए तैयार होकर आए थे, मगर पिछले कुछ दिनों में बहुत से लोगों ने बमबारी की चपेट में आने के बाद कुछ ही घंटों के भीतर अपने घर छोड़ दिए.

ग़ाज़ा युद्ध की पृष्ठभूमि में, इसराइल द्वारा बेरूत और दक्षिणी लेबनान में भीषण बमबारी की जा रही है. बेरूत का दक्षिणी इलाक़ा और इसराइल के साथ लगी लेबनानी सीमा पर लाखों लोगों के वहाँ से जाने के बाद वहाँ सन्नाटा है.

“इनमें से अनेक शहर, गाँव और बाहरी इलाक़े अब मलबे के ढेर से ज़्यादा कुछ नहीं हैं.”

कोविड-19 महामारी और 2020 में बेरूत के बन्दरगाह पर तबाही लाने वाले विस्फोट के बाद से ही, देश निर्धनता के बढ़ते स्तर से जूझ रहा है. लेबनान में 10 लाख से अधिक सीरियाई शरणार्थी भी हैं.

विशाल क़ीमत

इस बीच, यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के प्रवक्ता जर्मी लॉरेन्स ने ग़ाज़ा में हिंसा पर विराम लगाने के लिए नई अपील जारी की है.

उन्होंने मंगलवार को कहा कि आम नागरिक को अन्तत: इस हिंसा की क़ीमत चुकानी पड़ रही है. अस्पताल बन्द हैं, 10 लाख विस्थापित हैं, आम नागरिक मारे जा रहे हैं, स्कूलों पर असर हुआ है और लेबनान में तबाही वहाँ के लोगों की कल्पना से परे हैं, जैसाकि ग़ाज़ा में भी है. “हम फिर से ऐसा नहीं होने दे सकते हैं.”

दो लाख से अधिक लोग 973 औपचारिक आश्रय स्थलों में ठहरे हुए हैं, जोकि बेरूत में और देश के उत्तरी क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं. इनमें 770 से अधिक शरण स्थल में भारी भीड़ है.

WFP अधिकारी हॉलिन्गवर्थ ने बताया कि बहुत से लोगों ने अपने घरों से भागने का निर्णय इसलिए लिया, चूँकि उनके ना केवल घर व ज़मीन बर्बाद हो गए थे, बल्कि उन्होंने अपने परिवारजन, मित्रों और समुदायों को भी खो दिया था. और उन्हें भविष्य में अनहोनी की आशंका थी.

यूएन एजेंसी का यह अपडेट एक ऐसे समय में आया है जब उत्तरी इसराइल के हाइफ़ा शहर में हिज़बुल्लाह द्वारा फिर से रॉकेट हमले किए जाने की ख़बरें हैं.

हथियारबन्द गुट हिज़बुल्लाह, ग़ाज़ा में युद्ध शुरू होने के बाद से ही इसराइल पर रॉकेट हमले करता रहा है, जिससे हज़ारों इसराइली नागरिक विस्थापन के लिए मजबूर हुए हैं.

स्वास्थ्य सेवाओं पर हमले

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि 16 सितम्बर के बाद से अब तक स्वास्थ्य देखभालकर्मियों व स्वास्थ्य केन्द्रों पर 17 हमले हो चुके हैं, जिनमें 65 लोगों की मौत हुई है और 42 घायल हुए हैं.

दक्षिणी लेबनान में 96 स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों को बन्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा है, और पाँच अस्पतालों में कामकाज ठप है, चूँकि उनके बुनियादी ढाँचे को क्षति पहुँची है.

यूएन मानवीय सहायताकर्मियों ने ज़ोर देकर कहा है कि लेबनान में सहायता पहुँचाने के लिए भूमि, वायु और समुद्री मार्ग को खुला रखना होगा, जोकि अपनी अधिकाँश ज़रूरतों के लिए आयात पर निर्भर है. 

Source link

Most Popular

To Top