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लेबनान में बढ़ती के माहौल में, UNIFIL का मदद मिशन

लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन – UNIFIL ने इन प्रभावित लोगों की मदद का बीड़ा उठाया है.

लेबनान के दक्षिणी हिस्से में फैले UNIFIL के 15 अस्पतालों ने चिकित्सा और दन्त चिकित्सा सहायता की आवश्यकता वाले ज़रूरतमन्द लेबनानी लोगों के लिए अपने दरवाज़े खुले रखे हैं.

UNIFIL के रिकॉर्ड दिखाते हैं कि अक्टूबर (2023) से अब तक 4 हज़ार 766 लेबनानी मरीज़ों ने UNIFIL अस्पतालों का दौरा किया है.

इसके अतिरिक्त भारत, इटली, चीन, घाना, मलेशिया, कोरिया गणराज्य और नेपाल कुछ UNIFIL टुकड़ियों ने, समुदायों में मुफ़्त चिकित्सा और दन्त चिकित्सा शिविर आयोजित किए हैं.

शिविरों में तरह-तरह का इलाज

लेबनान में यूएन अन्तरिम सहायता मिशन - UNIFIL, ब्लू लाइन पर गोलीबारी से बचकर निकलने के लिए नाकाम व असहाय लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाया है.

भारतीय और कोरियाई डॉक्टरों ने दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए कई वर्चुअल शिविर और पशु चिकित्सा शिविर भी आयोजित किए हैं.

ब्लू लाइन पर जैसे-जैसे हिंसा बढ़ रही है वैसे ही बड़ी संख्या में निवासी लोग, बिना किसी चिकित्सीय सहायता के सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं.

UNIFIL के फ़ोर्स चिकित्सा अधिकारी लैफ्टिनेंट कर्नल डॉक्टर अनुज वशिष्ठ का कहना है कि मिशन में सैन्य योगदान देने वाले देश, लेबनानी रोगियों का इलाज करने और दवाइयाँ देने में काफ़ी उदार रहे हैं.

डॉक्टर वशिष्ठ कहते हैं कि “जो कोई भी UNIFIL के अस्पतालों में आते हैं, हम उनका इलाज करते हैं. जो भी दवा हमारे पास है और हम जो भी मदद हम कर सकते हैं, उससे उनका इलाज करते है.”

डॉक्टर वशिष्ठ कहते हैं कि कुछ UNIFIL टुकड़ियों ने मुफ्त इलाज और दवाइयाँ प्रदान करने के अलावा, बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा और मां-बच्चे के स्वास्थ्य सहित अनेक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी मुहैया कराए हैं.

डॉक्टर वशिष्ठ और नेपाली टुकड़ी के डॉक्टर रक्षया गुरागाईं के अनुसार, चिकित्सा सहायता मांगने वाले लोगों की मुख्य शिकायतें और बीमारियाँ गठिया, कमर दर्द, साँस सम्बन्धी समस्याएँ, रक्तचाप और मधुमेह हैं. अधिकांश लाभार्थी बुज़ुर्ग लोग हैं.

भारतीय बटालियन की तरफ़ से मदद

लेबनान में यूएन अन्तरिम सहायता मिशन - UNIFIL, ब्लू लाइन पर गोलीबारी से बचकर निकलने के लिए नाकाम व असहाय लोगों की मदद करने का बीड़ा उठाया है.

UNIFIL की भारतीय टुकड़ी नियमित रूप से अपने मुख्य ठिकाने और बाहर जाकर समुदायों में चिकित्सा सहायता मुहैया कराती है.

हाल ही में, लेबनान के दक्षिण-पूर्वी इलाक़े शाबा’आ (Shab’a) में सामाजिक मामलों के केन्द्र के सहयोग से एक मुफ़्त चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया था.

भारतीय बटालियन के लैफ्टिनेंट कर्नल डॉक्टर अमूल्य तेजा कहते हैं, “पिछले साल अक्टूबर से, स्थानीय लोगों को विशिष्ट उपचार सुविधाएँ नहीं उपलब्ध हो रही थीं.”

डॉक्टर तेजा कहते हैं, “हमें यहाँ आकर एक शिविर स्थापित करने और स्थानीय लोगों का इलाज कर सकने का मौक़ा दिया गया.”

शाबा’आ के सामाजिक मामलों के केन्द्र के निदेशक मोहम्मद सादेह कहते हैं कि केन्द्र और UNIFIL के भारतीय शान्ति सैनिकों के बीच सहयोग, कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह सहयोग “अब पहले से कहीं अधिक ज़रूरी है” क्योंकि यह क्षेत्र कठिन समय से गुज़र रहा है.

मोहम्मद सादेह कहते हैं, “हमारा केन्द्र UNIFIL से, विशेष रूप से भारतीय बटालियन से प्राप्त होने वाली निःशुल्क दवाओं को, हमारे समुदाय के सदस्यों को मदद और समर्थन करने के लिए वितरित करता है. UNIFIL की यहाँ मौजूदगी का यह दिन हमारे लिए बहुत ख़ास है.”

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