शान्ति अभियान के लिए अवर महासचिव ने दक्षिणी लेबनान में भड़के टकराव, उससे आम नागरिकों पर हुए असर के प्रति गहरी चिन्ता जताई, और कहा कि शान्ति को बहाल करने के लिए फिर से वार्ता की दिशा में लौटना होगा.
ज्याँ पिएर लाक्रोआ ने गुरूवार को न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में पत्रकारों को बताया कि लेबनान में यूएन अन्तरिम बल (UNIFIL) को सुरक्षा परिषद ने जो शासनादेश (mandate) दिया है, उसके तहत शान्तिरक्षक अपने दायित्व का निर्वहन करने के लिए संकल्पित हैं.
“शान्तिरक्षक फ़िलहाल अपने तैनाती स्थलों पर मौजूदगी बनाए हुए हैं…टीम UNIFIL एकजुट व प्रतिबद्ध है.”
अवर महासचिव ने कहा कि यूएन मिशन अपने साझेदारों के साथ मिलकर स्थानीय आबादी की रक्षा करने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं.
साथ ही, हिंसा प्रभावित आबादी के लिए अस्थाई आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गई है और मानवीय सहायता अभियान में मदद की जा रही है.
अहम दायित्व
लेबनान में यूएन मिशन का दायित्व (mandate) दक्षिणी लेबनान से इसराइली सैन्य बलों की वापसी सुनिश्चित करना और इस क्षेत्र में लेबनान सरकार की राजसत्ता को स्थापित करने में सहायता देना है.
वर्ष 2006 में, इसराइल और हिज़बुल्ला के बीच युद्ध के बाद मिशन के दायित्वों में विस्तार किया गया था, और उसे हिंसक टकराव पर लगे विराम की निगरानी की ज़िम्मेदारी सौंपी गई.
यूएन मिशन, इसराइल और लेबनान के सशस्त्र बलों के बीच सम्पर्क का एकमात्र ज़रिया है. 2 सितम्बर को, 50 देशों के 10,058 शान्तिरक्षक, UNIFIL मिशन का हिस्सा थे. उनके अलावा, इस मिशन में क़रीब 800 असैनिक कर्मचारी भी सेवारत हैं.
अवर महासचिव लाक्रोआ ने ज़ोर देकर कहा कि यूएन शान्तिरक्षकों की सुरक्षा, उनकी सर्वोपरि प्राथमिकता है.
“पिछले कुछ महीनों, हफ़्तों और दिनों में शान्तिरक्षकों की सुरक्षा के लिए कई क़दम उठाए गए हैं. मगर, उनका बचाव व रक्षा एक साझा दायित्व है.”
सम्वेदनशील हालात
इस बीच, लेबनान में ज़मीनी स्तर पर हालात सम्वेदनशील हैं और रिहायशी इलाक़ों में इसराइली बमबारी से बचने के लिए आम नागरिक सुरक्षा की तलाश में भाग रहे हैं.
मौजूदा टकराव का असर स्वास्थ्य देखभालकर्मियों व सेवाओं पर भी हुआ है और पिछले 24 घंटों में 28 स्वास्थ्यकर्मियों की जान जा चुकी है.
दक्षिणी लेबनान में 37 स्वास्थ्य केन्द्रों को बन्द किया गया है, जबकि बेरूत में तीन अस्पतालों में कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है जबकि दो अन्य स्थलों पर आंशिक रूप से सेवाओं पर असर पड़ा है.
निरन्तर बमबारी की वजह से स्वास्थ्यकर्मी काम पर नहीं पहुँचे हैं, जिसकी वजह से आपात सेवाओं की उपलब्धता पर असर पड़ा है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि बेहद कठिन व ख़तरनाक परिस्थितियों में, WHO कर्मचारियों समेत स्वास्थ्य व मानवीय सहायताकर्मियों ने अविश्वसनीय रूप से अपनी ज़िम्मेदारी को निभाया है.
उन्होंने क्षोभ जताया कि स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ हमले की चपेट में हैं. इसके मद्देनज़र, उन्होंने सभी साझेदारों से लेबनान में अति-आवश्यक सामग्री पहुँचाने के लिए उड़ानों की व्यवस्था की अपील की है.