उन्होंने शुक्रवार को दक्षिणी लेबनान के नाक़ोरा का दौरा किया, जहाँ लेबनान में यूएन अन्तरिम बल (UNIFIL) का मुख्यालय स्थित है. इसराइली सैन्य बलों और हिज़बुल्लाह गुट को अलग करने वाली रेखा ‘ब्लू लाइन’ पर एक नाज़ुक शान्तिरक्षक फ़िलहाल लागू है.
यूएन प्रमुख ने नाक़ोरा में यूएन मिशन के उन तैनाती स्थलों का भी दौरा किया, जिन्हें इसराइली बलों ने पिछले वर्ष निशाना बनाया था.
उन्होंने यूएन मिशन को सम्बोधित करते हुए शान्तिरक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. “आप लेबनान की केवल ब्लू लाइन पर ही नहीं हो, बल्कि शान्ति की अग्रिम पंक्ति पर भी मौजूद हो.”
“UNIFIL मिशन, कहीं भी, शान्तिरक्षकों के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण माहौल है.”
यूएन प्रमुख ने इसराइली सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के उल्लंघन मामलों का उल्लेख किया. ग़ौरतलब है कि इसराइली सेना ने यूएन की निगरानी वाले अनेक इलाक़ों पर क़ब्ज़ा किया है और लेबनानी क्षेत्र में सैन्य अभियान चलाया है.
महासचिव के अनुसार, इन क़दमों से शान्तिरक्षकों की सलामती व सुरक्षा के लिए बड़े ख़तरे हैं. 27 नवम्बर के बाद से अब तक, यूएन मिशन के शान्तिरक्षकों ने हिज़बुल्लाह और अन्य हथियारबन्द गुटों के हथियारों के 100 से अधिक जखीरे बरामद किए हैं.
महासचिव गुटेरेश ने अपनी यात्रा के दौरान, दक्षिणी लेबनान में लेबनानी सशस्त्र बलों के जनरल से भी मुलाक़ात की.
उन्होंने दोहराया कि यूएन की उपस्थिति, अस्थाई है और लेबनानी सेना को समर्थन देना अहम है. “UNIFIL, यहाँ लेबनान के सशस्त्र बलों को समर्थन देने के लिए हरसम्भव क़दम उठाने के लिए तैयार है.”
बेरूत में कूटनीति
राजधानी बेरूत लौटने के बाद, यूएन महासचिव ने लेबनान की यात्रा पर आए फ़्राँस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्राँ से मुलाक़ात के दौरान क्षेत्र में घटनाक्रम से जुड़े अनेक मुद्दों पर बातचीत की.
इसके बाद, उन्होंने यूएन की विशेष समन्वयक जिनीन हैनिस-प्लाशर्ट और UNIFIL के फ़ोर्स कमांडर आरोल्डो लज़ारो के साथ, लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित एक रात्रिभोज में शिरकत की.
लेबनान के समक्ष मौजूद चुनौतियों और उनके समाधान की तलाश में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका पर यह सम्वाद का एक अवसर था.
महासचिव गुटेरेश की लेबनान यात्रा एक बेहद अहम दौर में हो रही है, जब देश राजनैतिक अस्थिरता, आर्थिक चुनौतियों और सुरक्षा ख़तरों से जूझ रहा है.
शनिवार को यूएन प्रमुख का बेरूत में व्यस्त कार्यक्रम जारी रहेगा, और उनकी राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाक़ात होगी. इस दौरान लेबनान में राजनैतिक व आर्थिक हालात और देश में स्थिरता व पुनर्बहाली के प्रयासों पर बातचीत होने की सम्भावना है.