यूएन उप प्रमुख आमिना मोहम्मद ने गुरूवार को लघु द्वीपीय विकासशील देशों (Small Island Developing States/SIDS) सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि लघु द्वीपीय देशों के अस्तित्व के लिए जोखिम पनप रहे हैं, मगर आशावान बने रहने के कारण भी हैं.
20 से अधिक विश्व नेताओं, 100 देशों के वरिष्ठ मंत्रियों और चार हज़ार से अधिक प्रतिभागियों ने इस सप्ताह ऐंटीगुआ एंड बरबूडा में अमेरिकी विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इस सम्मेलन में शिरकत की.
निजी सैक्टर, नागरिक समाज, शिक्षा जगत और युवजन समेत अन्य प्रतिभागियों ने जलवायु संकट से जूझ रहे लघु द्वीपीय देशों की रक्षा के लिए अहम मुद्दों पर चर्चा की.
यूएन उप महासचिव ने कहा कि एंटीगुआ एंड बरबूडा में पारित किया गया एजेंडा, भविष्य के लिए एक ऐसी दृष्टि है, जिसकी SIDS देशों को ज़रूरत है.
सही मार्ग पर अग्रसर
अगले दस वर्षों के लिए इस योजना पर सम्मेलन में शामिल सभी पक्षों ने अपनी सहमति व्यक्त की है, जिसमें लघु द्वीपीय देशों की टिकाऊ विकास आकाँक्षाओं पर ध्यान दिया गया है और उन्हें पूरा करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की अहमियत को रेखांकित किया गया है.
यूएन उप प्रमुख ने प्रतिनिधियों को बताया कि इस एजेंडा के ज़रिये SIDS देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मज़बूती मिलेगी, सुरक्षित, स्वस्थ व समृद्ध भविष्य होगा और भोजन, ऊर्जा व जल की गारंटी होगी.
इसके अलावा, पुख़्ता जलवायु कार्रवाई के ज़रिये जैवविविधता संरक्षण और संसाधनों व महासागर की रक्षा करने पर भी बल दिया गया है, ताकि बढ़ते तापमान और समुद्री जलस्तर की रोकथाम सम्भव हो सके.
ऐंटीगुआ एंड बरबूडा में समाधानों पर लक्षित एक केन्द्र स्थापित किए जाने की भी घोषणा की गई है, जोकि निजी सैक्टर के साथ नज़दीकी तौर पर काम करने के लिए एक मंच होगा.
SIDS4 सम्मेलन में पारित एजेंडा में वित्त पोषण को नए स्तर पर ले जाने की बात कही गई है, विशेष रूप से ज़रूरतमन्द देशों के लिए, जिन्हें अक्सर कर्ज़ की क़िस्तें चुकाने में ऊँची ब्याज़ दरों से जूझना पड़ता है.
सभी स्तरों पर संकल्प
उपमहासचिव आमिना मोहम्मद ने कहा कि एक बेहतर भविष्य के लिए रोडमैप तैयार किया गया है, मगर केवल यही सफलता के लिए पर्याप्त नहीं है.
उन्होंने ध्यान दिलाया कि सफलता हम सभी पर निर्भर करती है, और हर किसी को आगे बढ़कर सामयिक व वास्तविक साझेदारियों के ज़रिये, इस एजेंडा को सफल बनाना होगा.
यूएन उपप्रमुख के अनुसार, एजेंडा को लागू करने की प्रक्रिया की निगरानी व मूल्यांकन पर विशेष रूप से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है. इस क्रम में, उन्होंने यूएन द्वारा हरसम्भव समर्थन का भरोसा दिलाया है.
यूएन के रैज़ीडैंट कोऑर्डनिटेर व देशीय टीम, सभी साझेदारों के साथ मिलकर काम करेंगी ताकि हरित व समृद्ध भविष्य की ओर क़दम बढ़ाए जा सकें.