इससे पहले, रूस ने यूक्रेन में सम्भावित युद्ध अपराधों की पड़ताल कर रहे मुख्य अभियोजक और मुक़दमे की कार्रवाई से पहले की प्रक्रिया में शामिल न्यायाधीशों के विरुद्ध वॉरंट जारी किए थे.
मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि आईसीसी के सदस्य देशों की ऐसेम्बली के अध्यक्ष ने जो चिन्ताएँ व्यक्त की हैं, हम उसी तरह कि चिन्ताएँ व्यक्त करते हैं.
उन्होंने कहा कि ये क़दम अस्वीकार्य है, और हमारा आग्रह है कि इसे तत्काल वापिस लिया जाए.
ग़ौरतलब है कि रूस ने अक्टूबर 2023 में, आईसीसी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और एक अन्य न्यायाधीश के विरुद्ध गिरफ़्तारी का वॉरंट जारी किया था.
ये उस टीम का हिस्सा हैं, जो गम्भीतम अपराधों को अंजाम दिए जाने के आरोपों का सामना कर रहे व्यक्तियों की जाँच व मुक़दमे की कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं.
इन अपराधों में जनसंहार, युद्धापराध, मानवता के विरुद्ध अपराध, और आक्रामकता का अपराध हैं.
आईसीसी वॉरंट पर प्रतिक्रिया
मार्च 2023 में, आईसीसी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन, और बाल अधिकारों के लिए उनकी आयुक्त, मारिया ल्वोवा-बेलोवा के विरुद्ध गिरफ़्तारी का वॉरंट जारी किया गया था, जोकि यूक्रेनी बच्चों को जबरन रूस भेजे जाने और देश निकाला दिए जाने के मामलों से सम्बन्धित है.
समाचार माध्यमों के अनुसार, इसके कुछ ही दिन बाद, रूस ने आईसीसी के मुख्य अभियोजक करीम ख़ान और तीन न्यायाधीशों के विरुद्ध मामले दर्ज किए थे.
दंडमुक्ति के विरुद्ध लड़ाई
अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय, रोम संविदा नामक सन्धि के अन्तर्गत जुलाई 2002 में स्थापित किया गया था. इसका मुख्यालय नैदरलैंड्स की राजधानी द हेग में स्थित है.
मानवाधिकार कार्यालय प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने कहा कि यह कोर्ट, क़ानून के राज की आधारशिला है और दंडमुक्ति के विरुद्ध लड़ाई में राष्ट्रीय अदालतों के कामकाज के पूरक के तौर पर काम करती है.
उनके अनुसार, इसके मद्देनज़र यह अहम है कि कोर्ट के अधिकारी रोम संविदा के तहत अपने महत्वपूर्ण कामकाज को बिना किसी दबाव, हस्तक्षेप, या डराए-धमकाए जाने बग़ैर पूरा कर सकें.