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योरोप व मध्य एशिया में, साढ़े चार लाख बच्चे संस्थागत देखभाल में

योरोप व मध्य एशिया में, साढ़े चार लाख बच्चे संस्थागत देखभाल में

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की जाँच, “बेहतर संरक्षा के रास्ते” से मालूम होता है कि जहाँ आँकड़े उपलब्ध हैं, वहाँ देखभाल में रखे गए बच्चों की 87 प्रतिशत संख्या विकलांगता वाले बच्चों की है.

और पश्चिमी योरोप में ऐसे संस्थानों में शरण लेने वाले, अपने परिवारों से बिछड़े और अकेले बच्चों की संख्या बढ़ रही है.

क्षेत्र की यूनीसेफ़ निदेशक रेजिना डी डॉमिनिकिस ने कहा है, “योरोप और मध्य एशिया में बच्चों को संस्थाओं में रखे जाने की लम्बी और दर्दनाक विरासत को ख़त्म करने के लिए हमें अभी एक लम्बा रास्ता तय करना है.”

संस्थानों में बच्चे अक्सर बचपन और वयस्कता के दौरान सकारात्मक सम्बन्ध बनाने के लिए संघर्ष करते हैं, जिससे उन्हें अलग-थलग पड़ जाने और अकेले की भावना महसूस होती है.

इसके अलावा, आवासीय देखभाल में रहने वाले लोग, विशेष रूप से कम उम्र से, संज्ञानात्मक, भाषाई और विकास सम्बन्धी अन्य देरी का अनुभव कर सकते हैं, जिससे वो, क़ानूनी प्रणाली के उल्लंघन और फिर से संस्थागत होने के प्रति अधिक संवेदनशील या कमज़ोर बन जाते हैं.

कुछ सकारात्मक संकेत

यूनीसेफ़ की रिपोर्ट, इन चुनौतियों के बावजूद, कुछ सकारात्मक रुझानों पर भी प्रकाश डालती है.

बुल्गारिया, मोल्दोवा और जॉर्जिया में, सरकारी नीतियों और बढ़े हुए निवेश के कारण, औपचारिक वैकल्पिक देखभाल की तुलना में परिवार-आधारित देखभाल आदर्श बन गई है.

तुर्कीये और रोमानिया में, रोकथाम, पारिवारिक सहायता और पालन-पोषण देखभाल को बढ़ावा देने में निवेश के कारण, कुछ प्रकार की आवासीय देखभाल सुविधाओं में बच्चों की संख्या में कमी आई है.

यह रिपोर्ट हालाँकि विकलांगता वाले बच्चों के लिए प्रगति की कमी को भी रेखांकित करती है. उपलब्ध आँकड़ों वाले देशों में, वर्ष 2015 और 2021 के बीच, सभी परिस्थितियों में आँकड़े बढ़े हैं.

बड़ी बाल आवासीय संस्थाओं को बन्द करने की ज़रूरत

यूनीसेफ़ ने, बाल अधिकारों पर कन्वेंशन (सीआरसी), विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर कन्वेंशन (सीआरपीडी), और वैकल्पिक देखभाल पर संयुक्त राष्ट्र दिशानिर्देशों के अनुरूप, बड़े पैमाने पर उपयोग किए जाने वाले संस्थानों को, व्यवस्थित रूप से बन्द करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया जहाँ बच्चों को रेखा जाता है और उन्हें शिक्षा प्रदान की जाती है.

इसमें विकलांग बच्चों, या अकेले और अलग-थलग पड़े बच्चों के लिए आवासीय सुविधाओं को उच्च गुणवत्ता वाले, परिवार और समुदाय-आधारित देखभाल से बदला जाना शामिल है.

यूनीसेफ़ ने जोखिम वाले बच्चों की शीघ्र पहचान और सकारात्मक हस्तक्षेप, एक मज़बूत सामाजिक सेवा कार्यबल, अनावश्यक पारिवारिक अलगाव को रोकने के लिए, पारिवारिक सहायता सेवाओं और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए, गुणवत्तापूर्ण पालक देखभाल में सहायता के लिए संसाधनों वृद्धि की पुकार लगाई है.

यूएन बाल एजेंसी ने संस्थागत देखभाल से लेकर परिवार और समुदाय-आधारित देखभाल तक, संसाधनों को पुनः आवंटित करने और गुणवत्ता डेटा में निवेश सुनिश्चित करने के महत्व पर भी ज़ोर दिया.

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