संयुक्त राष्ट्र के आपातकालीन राहत प्रमुख टॉम फ़्लैचर और संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी – UNHCR के उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा गुरूवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में एक संयुक्त अपील जारी करते हुआ कहा कि देश के भारत और विदेशों में, लाखों लोग, निरन्तर जारी रूसी हमलों के बीच अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन पर निर्भर हैं.
टॉम फ़्लैचर ने कहा, “यूक्रेनी लोगों ने इन वर्षों में अविश्वसनीय साहस दिखाया है और हमें वास्तविक, वास्तविक, निरन्तर अन्तरराष्ट्रीय जुड़ाव दिखाकर सहायता कार्रवाई करनी होगी, और ये मदद हमें दिल से करनी होगी.”
उन्होंने कहा, “हम यूक्रेनी लोगों के साथ तब तक खड़े रहेंगे जब तक इन ज़रूरतों को पूरा करने और उन लोगों का समर्थन करने की आवश्यकता होगी…”
“हम उन यूक्रेनी लोगों को भुला नहीं सकते जो क़ब्जे वाले क्षेत्रों में हैं और जिनकी ज़रूरतें बहुत ज़्यादा हैं. और हमें उन लोगों तक अपना समर्थन पहुँचाने के लिए रचनात्मक व साहसी बने रहना होगा, जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है.”
लाखों लोग हैं ज़रूरतमन्द
यह अपील यूक्रेन के भातर लगभग 60 लाख लोगों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने के लिए तैयार की गई है – जहाँ कुल ज़रूरतें, इस संख्या से दोगुनी से भी अधिक हैं.
विदेशों में रहने वाले लगभग 68 लाख लोगों यूक्रेनी शरणार्थियों की मदद की ज़रूरत को भी इस अपील में शामिल किया गया है.
देश के अन्दर सहायता टीमों के लिए लगभग 2.62 अरब डॉलर की राशि निर्धारित की गई है, जबकि UNHCR ने 11 देशों में शरणार्थियों की मेज़बानी करने वाले देशों की सहायता के लिए, वर्ष 2025 में 69 करोड़ डॉलर और 2025-2026 के लिए 1.2 अरब डॉलर की राशि जुटाने की अपील की है.
संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायुक्त फ़िलिपो ग्रैंडी ने कहा, “उद्देश्य, निश्चित रूप से यह सुनिश्चित करना नहीं है कि ये लोग हमेशा के लिए शरणार्थी बने रहें.”
“उद्देश्य, इन लोगों के लिए यूक्रेन वापिस लौटने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनाना है. यही यूक्रेन की ज़रूरत है और यही अधिकांश शरणार्थी चाहते हैं.”
हर रोज़ की बमबारी
शरणार्थी एजेंसी के प्रमुख ने फ़िलिपो ग्रैंडी ने, यूक्रेन की अपनी छठी यात्रा पर पत्रकारों से बात करते हुए, दिन-प्रतिदिन अग्रिम मोर्चे पर बम विस्फोटों के निरन्तर प्रभाव की तरफ़ ध्यान आकर्षित किया.
उन्होंने कहा कि वहाँ के समुदाय, सर्दियों की ठंड में विनाश और अभाव का सामना कर रहे हैं. “यहाँ, कीव एक बड़ा शहर है, लेकिन जब आप किसी छोटे शहर में जाते हैं, तो आप देखते हैं कि लोगों का जीवन पूरी तरह से तबाह हो गया है; लगभग सभी लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा.
उन्होंने कहा, “कड़ाके की सर्दी में गर्माहट बनाए रखने के लिए, बहुत कम लोगों के पास सुविधा है… रूसी संघ द्वारा ऊर्जा ढाँचे को हमलों का निशाना बनाना, कुछ ऐसा है जिसे रोका जाना होगा. यह निश्चित रूप से सीधे तौर पर नागरिक जीवन को प्रभावित कर रहा है.”
यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र के रैज़िडैंट और मानवीय सहायता समन्वयक मैथियास श्माले ने ज़ोर देकर कहा कि देश में सक्रिय ग़ैर-सरकारी संगठन व उनके भागीदार और संयुक्त राष्ट्र, सहायता प्रदान करना और जहाँ भी पहुँच सम्भव हो, सबसे कमज़ोर व्यक्तियों को संकट वाले स्थानों से सुरक्षित निकालना जारी रखे हुए हैं.
“हम विशेष रूप से उन लोगों की सहायता कर रहे हैं जो अग्रिम पंक्तियों के पास वाले इलाक़ों में रह रहे हैं और उनमें से भी, विशेष रूप से विकलांग लोगों और वृद्ध लोगों की ख़ास मदद की जा रही है जिन्हें चलने-फिरने में कठिनाई होती है.”