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यूक्रेन युद्ध के दो वर्ष: शान्ति की सख़्त ज़रूरत पर ज़ोर

यूक्रेन युद्ध के दो वर्ष: शान्ति की सख़्त ज़रूरत पर ज़ोर

एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा, “यूक्रेन के स्वायत्त प्रान्त क्रीमिया और सेवस्तोपोल शहर पर रूस के अवैध क़ब्जे के प्रयास के दो साल और एक दशक बाद, यूक्रेन में युद्ध, योरोप के दिल में एक खुला घाव बना हुआ है.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “यह शान्ति स्थापित करने का बिल्कुल सही समय है – संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और महासभा के प्रस्तावों के आधार पर न्यायसंगत शान्ति.”

यूएन महासचिव ने कई देशों के मंत्रियों और राजदूतों की उपस्थिति में सुरक्षा परिषद के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए, उन्हें संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों की सम्प्रभु समानता के संयुक्त राष्ट्र – सिद्धान्त की याद दिलाई.

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार, अन्तरराष्ट्रीय विवादों को शान्तिपूर्ण तरीक़ों से निपटाया जाएगा, और सभी देशों को किसी अन्य देश की क्षेत्रीय अखंडता या राजनैतिक स्वतंत्रता के ख़िलाफ़ बल के ख़तरे या उपयोग से बचना होगा.

‘किसी भी युद्ध में नुक़सान सबका होता है’

एंतोनियो गुटेरेश ने युद्ध के दोनों पक्षों के नागरिकों की पीड़ा की ओर ध्यान खींचा.

यूक्रेन में, कम से कम साढ़े 10 हज़ार लोग मारे गए हैं और हज़ारों अन्य घायल हुए हैं; स्कूल, अस्पताल और अन्य महत्वपूर्ण नागरिक बुनियादी ढाँचे नष्ट हो गए हैं, और भीषण सर्दी के दौरान कई सौ क़स्बों और गाँवों में बिजली ठप हो गई है.

लगभग चालीस लाख लोगों को उनके घरों से निकालना पड़ा है, और अनगिनत परिवार, मानवीय सहायता पर निर्भर हैं, विशेष रूप से युद्धग्रस्त क्षेत्रों में.

उन्होंने कहा कि “बहुत से यूक्रेनी लोग, अपने बच्चों को खोने के दुःस्वप्न के साथ जी रहे हैं. निर्वासित किए गए सभी बच्चों को उनके परिवारों के साथ फिर से जोड़ा जाना होगा”.

यूएन प्रमुख ने कहा, “युद्ध से रूस के लोगों को भी नुक़सान हो रहा है. हज़ारों युवा, रूसी अग्रिम मोर्चे पर अपनी जानें गँवा रहे हैं. रूसी शहरों पर हमले से प्रभावित लोग भी, पीड़ा का सामना कर रहे हैं.”

तनाव बढ़ने का ख़तरा ‘बहुत वास्तविक’

अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा को बरक़रार रखने के मुद्दे पर, सुरक्षा परिषद की बैठक (23 फ़रवरी 2024).

यूएन महासचिव ने टकराव के बढ़ने और फैलने के ख़तरे पर भी गहरी चिन्ता व्यक्त की, जो “बहुत वास्तविक” है.

“दुनिया भर में, युद्ध, भू-राजनैतिक विभाजन को गहरा कर रहा है. क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ावा दे रहा है. अन्य ज़रूरी वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए उपलब्ध जगह को कम कर रहा है.” 

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने, अपने सम्बोधन के अन्त में कहा कि रूस के यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद से, “हमने दो साल की लड़ाई, दो साल की पीड़ा, दो साल वैश्विक तनाव को बढ़ावा देने और वैश्विक सम्बन्धों में तनाव का अनुभव किया है.”

उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “बस”, यूएन चार्टर का तिरस्कार करना, एक समस्या रही है, और इसका सम्मान करना समाधान है.

उन्होंने कहा, “इसका मतलब अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर, यूक्रेन की सम्प्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना है. यह चार्टर के प्रति फिर से प्रतिबद्ध होने और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के प्रति सम्मान को फिर से मज़बूत करने का समय है.”

“यही, यूक्रेन और दुनिया भर में शान्ति और सुरक्षा का मार्ग है.”

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