मानवाधिकार मामलों के लिए उप उच्चायुक्त नाडा अल-नशीफ़ ने बुधवार को जिनीवा में मानवाधिकार परिषद को यूक्रेन में मानवाधिकारों की स्थिति पर आयोजित एक बैठक में बताया कि इन हमलों के ज़रिये यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में और अधिक इलाक़े को अपने नियंत्रण में लेने का प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी सैन्य बलों के पूर्ण आक्रमण के तीन वर्ष पूरे होने से पहले, एक शान्तिपूर्ण निपटारे की दिशा में प्रगति धुंधली नज़र आ रही है जबकि टकराव में ख़तरनाक तेज़ी आई है.
यह रिपोर्ट पिछले वर्ष 1 सितम्बर से 30 नवम्बर की अवधि पर आधारित है. रूसी सैन्य बलों के हमलों में अब तक 574 नागरिकों की जान जा चुकी है, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है.
जुलाई 2022 के बाद सितम्बर महीने में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आम नागरिक हताहत हुए.
उन्होंने कहा कि रूसी बमबारी में जल आपूर्ति, तापन व्यवस्था व परिवहन सेवाओं समेत बुनियादी ढाँचे को भीषण क्षति पहुँची है. यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर भी बड़े हमले किए गए हैं.
मानवतावादी क़ानून का हनन
OHCHR उप उच्चायुक्त द्वारा लगाए गए इन आरोपों को रूसी प्रतिनिधिमंडल ने ख़ारिज करते हुए यूक्रेनी सैन्य बलों पर रूस के विभिन्न क्षेत्रों में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने का आरोप लगाया.
यूक्रेनी प्रतिनिधि ने रूसी सैन्य बलों के घातक हमलों की निन्दा की. नए साल की पूर्व संध्या पर राजधानी कीव पर हुए हमलों में 100 ड्रोन विमानों का इस्तेमाल किया गया, जिसमें दो लोग मारे गए व सात घायल हुए.
उप उच्चायुक्त अल-नशीफ़ ने अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून, मानवतावादी क़ानून के बढ़ते उल्लंघन मामलों के प्रति सचेत किया और कहा कि युद्ध अपराधों को अंजाम दिए जाने की भी आशंका है.
यूक्रेनी युद्धबन्दियों ने व्यापक स्तर पर व्यवस्थागत ढंग से यातना दिए जाने की बात कही है…उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा गया, बिजली के झटके दिए गए, गला घोंटा गया और लम्बे समय तक एकान्त कारावास में रखा गया.
पुरुष व महिला युद्धबन्दियों ने बलात्कार, जबरन नग्न किए जाने समेत अन्य प्रकार की यौन हिंसा का शिकार बनाए जाने के भी आरोप लगाए हैं.
बिना सुनवाई के ही मौत
नाडा अल-नशीफ़ ने चिन्ता जताई कि रूसी सैन्य बलों द्वारा पकड़े गए यूक्रेनी सैन्यकर्मियों को बिना सुनवाई के ही मार दिए जाने के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है.
“बिना अदालती कार्रवाई के जान से मार देना एक युद्ध अपराध है. [हमारे] कार्यालय ने इस अवधि के दौरान 19 अलग-अलग घटनाओं में ऐसे 62 मामलों पर जानकारी जुटाई है और ऐसे पाँच मामलों की पुष्टि की है.”
यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र निगरानी मिशन के अनुसार, फ़रवरी 2022 के बाद से अब तक, हिंसक टकराव में 12,300 आम नागरिकों की मौत हुई है, जिनमें 650 से अधिक बच्चे हैं. 27 हज़ार से अधिक लोग घायल हुए हैं.
साथ ही, 700 से अधिक मेडिकल केन्द्रों, 1,500 से अधिक स्कूलों व कॉलेज, हिंसा में क्षतिग्रस्त या पूर्ण रूप से ध्वस्त हो गए हैं.