अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय मामलों और संघर्षों में किस तरह हस्तक्षेप करना चाहिए, इसे लेकर फाइनेंशियल मार्केट के 2 दिग्गजों की अलग-अलग राय है। इनवेस्टमेंट फर्म, जेपी मॉर्गन चेज (JP Morgan Chase) के जेमी डिमन का मानना है कि अमेरिका को ग्लोबल लड़ाईयों में शामिल रहने की जरूरत है। वहीं जेफरीज (Jefferies) के क्रिस्टोफर ‘क्रिस’ वुड का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय संघर्षों में भाग लेना अमेरिका की एक महंगी गलती साबित हो सकती है। जेपी मॉर्गन चेज के चेयरमैन और सीईओ, जेमी डिमन ने शेयरधारों को लिखे एनुअल लेटर में ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के पास रूस-यूक्रेन जंग से दूरी बनाए रखना का कोई विकल्प नहीं है और उन्होंने इसमें अमेरिकी के शामिल होने के लिए जोरदार तर्क दिया। वहीं इसके उलट जेफरीज के ग्लोबल हेड, क्रिस्टोफर वुड ने फरवरी महीने में लिखे एक न्यूज लेटर में एक अमेरिकी डिप्लोमेट की बात से सहमति जताई थी, जिसने कहा कि था कि नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (NATO) का विस्तार करना, शीत युद्ध के बाद से अमेरिकी विदेश नीति की सबसे बड़ी विफलता साबित हो सकती है।
जेमी डिमन ने चिंता जताई कि अगर यूक्रेन की जीत तय करने में अमेरिका अगुआई नहीं करता है, तो यह पूरे “पूरे स्वतंत्र विश्व के लिए एक आपदा” हो सकता है। दूसरी ओर, वुड ने भू-राजनीतिक तनावों के कारण क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों को लेकर चिंता जताई, जिसका बाइडेन प्रशासन और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के महंगाई को काबू में करने के प्रयासों पर असर डालेगा।
जेमी डिमन ने लिखा, “अंतरराष्ट्रीय जंग हमारे मुहाने पर आ खड़ी हुई है, हम चाहें इस पसंद करें या नहीं, लेकिन हमें इसमें शामिल होने की जरूरत है।” डिमन ने याद दिलाया कि कैसे अमेरिकी नेताओं ने अपने सहयोगी देशों और दूसरे देशों में लोकतंत्र को बचाने के लिए अपने नागरिकों को प्रेरित किया। उन्होंने लिखा कि जब “निरंकुशता और लोकतंत्र” या “तानाशाही और स्वतंत्रता” के बीच लड़ाई हो रही हो तो देश के लिए किनारे पर खड़े रहना कभी भी विकल्प नहीं था।
उन्होंने लिखा, “यूक्रेन उन प्रमुख देशों में से एक है, जिसने अपने यहां लोकतंत्र को मजबूती से स्थापित किया है। अगर युद्ध में यूक्रेन की हार होती है, तो यह दुनिया में अमेरिका दबदबे का बिखराव हो सकता है, जो पूरी स्वतंत्र दुनिया के लिए एक आपदा होगी। यूक्रेन का संघर्ष हमारा संघर्ष है, और उसकी जीत सुनिश्चित की जानी चाहिए।”