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यूक्रेन, जनसांख्यिकी संकट की चपेट में; 2014 के बाद से आबादी में 1 करोड़ की गिरावट

यूक्रेन, जनसांख्यिकी संकट की चपेट में; 2014 के बाद से आबादी में 1 करोड़ की गिरावट

युद्ध के कारण यूक्रेनी नागरिक अन्य देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हैं, प्रजनन दर घट रही है और लड़ाई में लोग हताहत हो रहे हैं. पहले वर्ष 2014 और फिर 2022 में रूसी आक्रमण के बाद से जनसांख्यिकी सम्बन्धी रुझान बद से बदतर हुए हैं.

वर्ष 2014 में रूसी आक्रमण के बाद से अब तक, यूक्रेनी आबादी में कुल एक करोड़ की गिरावट दर्ज की गई है, जिसमें से क़रीब 80 लाख 2022 के बाद विस्थापित हुए हैं.

यूक्रेन से अन्य देशों में शरण लेने वाले शरणार्थियों की संख्या अब 67 लाख तक पहुँच चुकी है. युवा आबादी के देश छोड़ने से अर्थव्यवस्था पर गहरा असर हुआ है.

यूएन एजेंसी ने जनसांख्यिकी की गहराती चुनौती से निपटने के लिए ऐसी रणनीतियों को अपनाने पर बल दिया है, जोकि मानव पूंजी को प्रोत्साहन देने व सामाजिक-आर्थिक सुधारों पर केन्द्रित हों.

पूर्वी योरोप व मध्य एशिया के लिए UNFPA की क्षेत्रीय निदेशक फ़्लोरेंस बाउर ने जिनीवा में बताया कि हिंसा के कारण लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, हज़ारों की मौत हो चुकी है.

उनके अनुसार, देश को मौजूदा संकट से उबारने के लिए मानव पूंजी बेहद आवश्यक है मगर इसमें गम्भीर पतन हो रहा है.

जनसांख्यिकी संकट

यूएन एजेंसी का कहना है कि युद्ध शुरू होने से पहले से ही, यूक्रेन व्यापक पैमाने पर जनसांख्यिकी चुनौतियों से जूझ रहा था. यहां प्रति महिला बाल दर एक पर है, जोकि योरोप में सबसे कम है.

योरोप के अन्य देशों की तुलना में कम जन्म दर होने के अलावा, यहाँ की आबादी बुज़ुर्ग हो रही है और बड़ी संख्या में लोग अवसरों की तलाश में अन्य देशों का रुख़ कर रहे हैं.

इसके जवाब में, यूक्रेन ने UNFPA के समर्थन से एक राष्ट्रीय जनसांख्यिकी रणनीति विकसित की है, जिसमें केवल बाल जन्म दर बढ़ाने के बजाय मानव पूंजी पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.

शान्ति की अहमियत

यूक्रेन सरकार का मानना है कि जनसांख्यिकी संकट के समाधान के लिए यह ज़रूरी है कि इसकी सामाजिक-आर्थिक वजहों से भी निपटा जाए.

इसके तहत, देखभाल व्यवस्था को लोगों तक पहुँचाना, स्वास्थ्य सेवा व शिक्षा के दायरे में विस्तार करना, और युवजन व परिवारों के लिए बेहतर जीवन के नए अवसर सृजित करना है.

इस रणनीति में स्वीडन जैसे देशों के अनुभवों से सबक़ लिया गया है, और इसमें लैंगिक समानता व कार्यस्थल पर परिवार-अनुकूल माहौल तैयार करने और समावेशी सामाजिक व आर्थिक नीतियों को अपनाने की पैरवी की गई है. 

क्षेत्रीय निदेशक फ़्लोरेंस बाउर ने कहा कि जनसांख्यिकी संकट के समाधान की ओर जाने वाला रास्ता, इस बात पर भी निर्भर करेगा कि यूक्रेन में शान्ति कब लौटेगी. इसके बावजूद, देश को इस समस्या से उबारने के लिए नींव अभी तैयार की जा सकती है.

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