विश्व

यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर रूसी हमलों से, ‘परमाणु आपदा का जोखिम’

यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर रूसी हमलों से, ‘परमाणु आपदा का जोखिम’

स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों की चेतावनी ऐसे समय में आई है जब अन्तरराष्ट्रीय हलकों में यूक्रेन के परमाणु प्रतिष्ठानों की सम्वेदनशीलता के प्रति चिन्ता गहरा रही है. ये परमाणु प्लांट अपनी बचाव व सुरक्षा संचालन व्यवस्था के लिए एक स्थिरतापूर्ण पावर ग्रिड पर निर्भर हैं.

विशेष रैपोर्टेयर के समूह ने कहा कि यूक्रेन की बिजली व्यवस्था पर रूस के विशाल हमलों से बिजली सब-स्टेशन को गहरी क्षति पहुँची है. देश के परमाणु ऊर्जा प्लांट में कामकाज के लिए ये स्टेशन बहुत अहम हैं.

रात में हुए इन हमलों में भीषण क्षति पहुँची, बिजली आपूर्ति ठप हो गई और आम नागरिक भी हताहत हुए. यह हमला ऐसे समय में किया गया जब यूक्रेन में सर्दी का मौसम पाँव पसार रहा है और ऊर्जा की मांग बढ़ती है.

इससे पहले भी, संयुक्त राष्ट्र के 13 विशेष रैपोर्टेयर के समूह ने चेतावनी जारी की थी. उन्होंने 22 अक्टूबर को औपचारिक तौर पर रूस को ध्यान दिलाया कि अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून के तहत इन हमलों पर पाबन्दी है.

जून 2024 में अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICC) द्वारा शीर्ष पदस्थ रूसी अधिकारियों के विरुद्ध गिरफ़्तारी वारन्ट जारी किए जाने के बावजूद ये हमले किए गए हैं. इन वारन्ट को जारी किए जाने की वजह यूक्रेन में बिजली, ऊर्जा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जाना था.

यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन ने ऊर्जा प्लांट पर हुए हमलों में आम लोगों को हुए नुक़सान पर जानकारी जुटाई है.

ज़ैपोरिझझिया परमाणु प्लांट

स्वतंत्र विशेषज्ञों के अनुसार, रूसी सैन्य बलों पर विश्वसनीय आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने ज़ैपरिझझिया परमाणु प्लांट पर कर्मचारियों को डराया धमकाया, उन्हें मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया, जबरन ग़ायब कर दिया गया और यातनाएँ दी गई.

उन्होंने कहा कि दो-तिहाई बिजली उत्पादन क्षमता ख़त्म हो चुकी है और अब यदि यूक्रेन की ऊर्जा व्यवस्था को और क्षति पहुँचती है तो इससे बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो जाएगी.

इससे परमाणु रिएक्टर का कामकाज प्रभावित होगा, और उनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए ज़रूरी पावर ग्रिड से उनका सम्पर्क टूट जाएगा.

हमले रोकिए, जोखिम टालिए

विशेष रैपोर्टेयर ने आशंका जताई कि इस स्थिति में जापान में 2011 का फ़ुकुशिमा दाएची या फिर 1986 में यूक्रेन में चेर्नोबिल जैसा हादसा हो सकता है, जिसके गम्भीर नतीजे होंगे.

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने यूक्रेन में अपने मिशन का विस्तार करने पर सहमति जताई है, ताकि बिजली सब-स्टेशन का निरीक्षण किया जा सके, मगर फ़िलहाल सीमित प्रगति ही हो पाई है.

स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने रूसी सैन्य बलों से आग्रह किया कि यूक्रेन के बिजली उत्पादन संयंत्रों, सब-स्टेशन, संचारण व वितरण आपूर्ति व्यवस्था पर हमलों को तुरन्त रोका जाना होगा, ताकि परमाणु आपदा के जोखिम को टाला जा सके.

मानवाधिकार विशेषज्ञ

विशेष रैपोर्टेयर और स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ, संयुक्त राष्ट्र की विशेष मानवाधिकार प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं.

उनकी नियुक्ति जिनीवा स्थिति यूएन मानवाधिकार परिषद, किसी ख़ास मानवाधिकार मुद्दे या किसी देश की स्थिति की जाँच करके रिपोर्ट सौंपने के लिये करती है.

ये पद मानद होते हैं और मानवाधिकार विशेषज्ञों को उनके इस कामकाज के लिये, संयुक्त राष्ट्र से कोई वेतन नहीं मिलता है.

Source link

Most Popular

To Top