साथ ही, महासभा ने यूक्रेन में ऊर्जा सम्बन्धी अहम बुनियादी ढाँचे पर हमले तुरन्त रोकने का आग्रह किया है. पिछले कुछ सप्ताह में ऐसे हमलों में तेज़ी आई है.
‘ज़ैपोरिझिझिया परमाणु ऊर्जा प्लांट समेत यूक्रेन के परमाणु केन्द्रों का बचाव एवं सुरक्षा’ शीर्षक वाले इस प्रस्ताव के पक्ष में 99 देशों ने मतदान किया, जबकि 9 देशों – बेलारूस, बुरुंडी, क्यूबा, कोरिया लोकतांत्रिक जनगणराज्य, ऐरीट्रिया, माली, निकारागुआ, रूस, सीरिया – ने इसके विरोध में वोट डाले.
60 सदस्य देशों ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया.
महासभा प्रस्ताव में रूस से मांग की गई है कि ज़ैपोरिझिझिया परमाणु ऊर्जा प्लांट से सभी सैन्यकर्मियों व अनधिकृत कर्मचारियों को जल्द से जल्द वापिस बुलाना होगा, और इस प्लांट की सुरक्षा के लिए उसे यूक्रेन के नियंत्रण में लौटाना होगा.
गुरूवार को पारित हुए इस प्रस्ताव के मसौदे को यूक्रेन द्वारा पेश किया गया, और इसे फ़्राँस, जर्मनी व अमेरिका समेत 50 अन्य देशों ने सह-प्रायोजित किया था.
विकिरण के लिए कोई सीमा नहीं
यूक्रेन के राजदूत और यूएन में स्थाई प्रतिनिधि सर्गेई किसलित्स्या ने मसौदा पेश करते हुए कहा कि ज़ैपोरिझिझिया परमाणु ऊर्जा प्लांट को सुनियोजित ढंग से रूस की सैन्य रणनीति का एक अहम हिस्सा बनाया गया.
उन्होंने चेतावनी जारी की है कि वहाँ किसी घटना के विनाशकारी नतीजे सामने आ सकते हैं. “विकिरण [फैलाव] के लिए कोई सीमाएँ नहीं हैं.”
यूक्रेनी राजदूत के अनुसार, विकिरण लीक का असर लम्बी दूरियाँ तय कर सकता है और हादसे वाली जगह से दूर स्थित क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है.
उन्होंने कहा कि प्रस्ताव के इस मसौदे में अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के शासनादेश (mandate) को पूर्ण रूप से समर्थन दिया गया है. साथ ही परमाणु बचाव एवं सुरक्षा के सात अति-महत्वपूर्ण स्तम्भों की अहमियत को रेखांकित किया गया है.
यूक्रेनी राजदूत ने सभी देशों से इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने का आग्रह किया, और कहा कि यह भावी पीढ़ियों के लिए उनका दायित्व है कि परमाणु हादसों की भयावहता को ना दोहराया जाए.
रूस: एक छद्म परमाणु पैकेज
रूस के स्थाई उपप्रतिनिधि दमित्रि पोलिएन्सकी ने मतदान से पहले अपने देश का रुख़ प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रस्ताव का यह मसौदा हानिकारक है, विशाल राजनीतिकरण का शिकार है और इसका परमाणु सुरक्षा से कोई लेनादेना नहीं है.
“इस छद्म परमाणु पैकेज को इस्तेमाल करने का वास्तविक उद्देश्य, राजनैतिक तत्वों को किसी तरह इसमें शामिल करना है, जिनका बताई गई समस्या से कोई मतलब नहीं है. इस मसौदे के अंशों पर एक सरसरी नज़र से ही यह स्पष्ट कर देने के लिए पर्याप्त है.”
रूसी राजदूत ने कहा कि प्रस्ताव के मसौदे के प्रायोजकों ने ग़ैर-समावेशी और अपारदर्शी तौर-तरीक़ों का सहारा लिया, और कईं प्रतिनिधिमंडलों द्वारा प्रस्तावित उन संशोधनों को सरासर ख़ारिज कर दिया, जोकि इसे राजनीतिकरण से बचाना चाहते थे.
दमित्रि पोलिएन्सकी ने यूक्रेन पर आरोप लगाया कि वो परमाणु बचाव एवं सुरक्षा के लिए वास्तविक ख़तरा है, और उसके द्वारा ज़ैपोरिझिझिया परमाणु प्लांट पर, सम्बन्धित बुनियादी ढाँचा और उन इलाक़ों में नियमित रूप से लापरवाही भरे हमले किए जा रहे हैं जहाँ प्लांट के कर्मचारी व परिवार रहते हैं.