संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने सोमवार को यूएन मुख्यालय में नियमित प्रैस वार्ता में कहा, “महासचिव ने ग़ाज़ा सिटी में अल तबाईन स्कूल पर इसराइल के एक अन्य विध्वंसक हमले की निन्दा करते हैं, जिनमें महिलाओं और बच्चों सहित अनेक लोग मारे गए. इस स्कूल में सैकड़ों विस्थापित परिवार पनाह लिए हुए थे.”
“ये मौतें लगातार जारी विध्वंस, तबाही, विस्थापन और भीषण तकलीफ़ों के बीच हुई हैं.”
अन्तरराष्ट्रीय मीडिया ख़बरों में, ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया गया था कि उस हमले में कम से कम 100 लोग मारे गए थे.
स्थानीय अस्पताल कम पड़ा
इसराइल का वो हमला उस समय हुआ जब लोग स्कूल के प्रार्थना स्थल में, मस्जिद में तड़के की नमाज़ अदा कर रहे थे.
घायल लोगों को अल अहली अस्पताल पहुँचाया गया. ये ग़ाज़ा पट्टी में बाक़ी बचे 16 अस्पतालों में से एक है जो केवल आंशिक रूप से काम कर रहे हैं.
प्रवक्ता ने बताया कि यह अस्पताल भी घायलों से भरा हुआ है जबकि दवाइयों, स्वच्छ जल और बिस्तरों की भारी कमी है.
मानवीय सहायता कर्मियों ने इस स्कूल को वापिस लौटने वाले परिवारों की मदद की है और उन्हें पीने का पानी, भोजन पैकेट, ताज़ा भोजन ख़ुराकें, स्वच्छता किटें और कपड़े वग़ैरा के साथ मनोवैज्ञानिक प्राथमिक सहायता व बच्चों और उनके माता-पिताओं को, मनोवैज्ञानिक समर्थन मुहैया कराए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय – OHCHR ने बताया है कि शनिवार का हमला, 4 जुलाई से स्कूलों पर इसराइल का कम से कम 21वाँ हमला था, और वो सभी स्कूल आश्रय स्थलों में तब्दील किए गए थे. इन इसराइली हमलों में 274 लोग मारे गए हैं, जिनमें महिलाएँ और बच्चे भी थे.
युद्धविराम प्रस्ताव को लागू करने की पुकार
संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने बताया कि महासचिव यह देखकर अत्यन्त दुखी हैं कि यूएन सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव – 2735 (2024) के प्रावधानों को अब भी लागू नहीं किया गया है.
ग़ौरतलब है कि जून में पारित किए गए उस प्रस्ताव में ग़ाज़ा में युद्ध को समाप्त करने के लिए हमास और इसराइल के दरम्यान तीन चरणों वाला एक वृहद युद्धविराम लागू किए जाने की पेशकश की गई थी. ग़ाज़ा युद्ध को अब दस महीने से अधिक का समय हो गया है.
उस प्रस्ताव में कहा गया था कि पहले चरण में एक तत्काल, पूर्ण और निश्चित युद्धविराम लागू होगा जिसमें बन्धक भी रिहाई किए जाएंगे, जिन बन्धकों की मृत्यु हो गई है उनके शव वापिस किए जाएंगे, फ़लस्तीनी क़ैदियों की अदल-बदली की जाएगी, ग़ाज़ा में आबादी वाले इलाक़ों से इसराइली सेनाओं को हटाया जाएगा, फ़लस्तीनी आम लोगों को उनके घरों को वापसी होगी, और पूरे ग़ाज़ा क्षेत्र में, मानवीय सहायता का सुरक्षित और असरदार वितरण होगा.
दूसरे चरण में, ग़ाज़ा में तमाम अन्य बन्धकों की रिहाई क बदले में, वहाँ से इसराइली सेनाओं की पूर्ण वापसी की मांग की गई. जबकि तीसरे चरण में ग़ाज़ा में विशाल दीर्घकालीन पुनर्निर्माण कार्य शुरू होने और किन्हीं मृत बन्धकों के शव लौटाए जाने की बात कही गई.
उप प्रवक्ता के अनुसार यूएन प्रमुख ने संयुक्त राज्य अमेरिका, मिस्र और क़तर के नेताओं के मध्यस्थता प्रयासों का स्वागत किया और दोनों पक्षों से शान्तिवार्ता में शामिल होने और युद्धविराम व बन्धकों की रिहाई के समझौते को अन्तिम रूप देने का आग्रह भी किया.