प्राप्त जानकारी के अनुसार, रियाद और मस्कट में सभी पक्षों के बीच सिलसिलेवार बैठकों के बाद यह सम्भव हो पाया है.
विशेष दूत ग्रैंडबुर्ग ने राष्ट्रव्यापी युद्धविराम को लागू करने पर लक्षित उपायों, यमनी नागरिकों के जीवन में बेहतरी लाने, और यूएन के तत्वाधान में समावेशी राजनैतिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने के प्रति सकंल्प जताए जाने का स्वागत किया है.
“तीन करोड़ यमनी इस नए अवसर को देख रहे हैं और ठोस नतीजों और स्थाई शान्ति की दिशा में प्रगति प्रदान करने वाले इस अवसर की प्रतीक्षा कर रहे हैं.”
विशेष दूत के अनुसार, सम्बद्ध पक्षों द्वारा उठाया गया यह ठोस क़दम, यमनी लोगों के प्रति एक दायित्व है, एक ऐसे भविष्य के लिए जिससे उनकी जायज़ आकाँक्षाएँ पूरी हो सकें.
रोडमैप और राजनैतिक प्रक्रिया
बताया गया है कि हैंस ग्रुंडबर्ग अब यूएन के तत्वाधान में एक रोडमैप तैयार करने के लिए सम्बद्ध पक्षों के साथ सम्पर्क व बातचीत को आगे बढ़ाएंगे, ताकि व्यक्त किए गए संकल्पों को लागू करने के लिए समर्थन प्रदान किया जा सके.
यूएन के रोडमैप में राष्ट्रव्यापी युद्धविराम लागू किए जाने के अलावा, सार्वजनिक सैक्टर में वेतन भुगतान किए जाने, तेल निर्यात फिर से शुरू किए जाने, ताइज़ और अन्य इलाक़ों में सड़क मार्ग खोले जाने और सना के हवाई अड्डे व हुदायदाह बन्दरगाह पर सख़्तियों में ढील बरते जाने समेत अन्य क़दमों का उल्लेख है.
नए रोडमैप के ज़रिये यूएन के तत्वाधान में और यमनी स्वामित्व में राजनैतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का रास्ता तैयार किया जाएगा.
विशेष दूत ने इस विषय में प्रगति के लिए सऊदी अरब और ओमान की भूमिका की सराहना की है. उन्होंने सभी पक्षों से अधिकतम संयम बरतने के लिए कहा है ताकि सम्वाद के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जा सके और रोडमैप पर सहमति को अन्तिम रूप दिया जा सके.