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म्याँमार: विदेशी बैंकों से, सैन्य नेतृत्व के लिए वित्तीय सेवाएँ रोकने का आग्रह

म्याँमार में फ़रवरी 2021 में सैन्य तख़्तापलट होने के बाद से अब तक पाँच हज़ार से अधिक आम नागरिकों की जान गई है, और कम से कम 30 लाख लोग विस्थापित हुए हैं. देश में 20 हज़ार से अधिक राजनैतिक बन्दी अब भी कारागार हमें हैं.

नागरिक प्रतिष्ठानों पर सैन्य हवाई हमलों में पिछले छह महीनों के दौरान पाँच गुना वृद्धि हुई है. विरोधी गुटों के साथ लड़ाई में म्याँमार सेना को कई इलाक़ों में अपना नियंत्रण गँवाना पड़ा है.

यूएन के विशेष रैपोर्टेयर ने Banking on the Death Trade: How Banks and Governments Enable the military Junta in Myanmar नामक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें हथियारों व सैन्य आपूर्ति के मुद्दे पर थाईलैंड व सिंगापुर की भूमिका की समीक्षा की गई है.

एक अनुमान के अनुसार, सैन्य नेतृत्व ने मार्च 2024 को समाप्त हुए वर्ष के दौरान, थाईलैंड में पंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं से 13 करोड़ डॉलर के सैन्य साज़ोसामान का आयात किया है, जोकि उससे पिछले साल के दोगुने से अधिक है.

पिछले वर्ष सिंगापुर इस विषय में एक बड़ा स्रोत बनकर उभरा था, लेकिन सिंगापुर सरकार ने ऐसी सभी संस्थाओं की जाँच की, जिसके बाद सिंगापुर में पंजीकृत कम्पनियों से म्याँमार भेजे जाने वाले हथियारों में 90 फ़ीसदी तक की गिरावट आई थी.

मगर, थाईलैंड के ज़रिये सैन्य साज़ोसामान की ख़रीद-फ़रोख़्त इसकी विपरीत दिशा में आगे बढ़ी है, जिसके लिए वहाँ के बैंकों की बड़ी भूमिका है.

उदाहरणस्वरूप, सिएम कमर्शियल बैंक ने मार्च 2023 को समाप्त हुए वर्ष के दौरान, म्याँमार की सेना के साथ केवल 50 लाख डॉलर की लेनदेन की थी, मगर मार्च 2024 में यह आँकड़ा बढ़कर 10 करोड़ डॉलर तक पहुँच गया है.

टॉम ऐंड्रयूज़ ने कहा कि म्याँमार के सरकारी बैंकों के साथ लेनदेन कर रहे विदेशी बैंकों पर जोखिम है कि उनके ज़रिये हुआ लेनदेन, आम नागरिकों पर सैन्य हमले की वजह बनेगा.

इसके मद्देनज़र, उन्होंने युद्ध अपराध और मानवता के विरुद्ध अपराध टालने के लिए इन बैंकों से बुनियादी दायित्वों के निर्वहन का आग्रह किया है.

राजनैतिक इच्छाशक्ति की दरकार

टॉम ऐंड्रयूज़ ने कहा कि सिंगापुर का उदाहरण दर्शाता है कि पर्याप्त राजनैतिक इच्छाशक्ति के साथ कोई भी सरकार, म्याँमार में मौत के व्यापार पर लगाम कसने में अहम भूमिका निभा सकती है.

“थाईलैंड के पास इस शक्तिशाली उदाहरण का अनुसरण करने का एक अवसर है, नागरिक लक्ष्यों को निशाना बनाने की सैन्य नेतृत्व की क्षमता पर विशाल प्रहार करने वाला क़दम उठा करके. मैं उससे ऐसा करने का आग्रह करता हूँ”

विशेष रैपोर्टेयर के अनुसार, औपचारिक बैंकिंग व्यवस्था के ज़रिये, म्याँमार में सेना द्वारा हथियारों व अन्य आपूर्ति की वार्षिक ख़रीद-फ़रोख़्त 37.7 करोड़ डॉलर से घटकर 25.3 करोड़ डॉलर रह गई है.

मगर, सैन्य नेतृत्व द्वारा मौजूदा प्रतिबन्धों में निहित कमियों, अन्य वित्तीय संस्थाओं के साथ सम्बन्धों, और सदस्य देशों के बीच समन्वय की कमी का फ़ायदा उठाया जा रहा है.

सात देशों में 16 बैंकों के ज़रिये पिछले दो वर्षों में सैन्य नेतृत्व के साथ वित्तीय लेनदेन किया गया है. इसके अलावा, 25 बैंकों ने म्याँमार में सैन्य नेतृत्व के नियंत्रण में सरकारी बैंक को ज़रूरी सेवाएँ प्रदान की हैं.

उन्होंने कहा कि एक ऐसे समय जब सैन्य नेतृत्व को संघर्ष करना पड़ रहा है, यह ज़रूरी है कि वित्तीय संस्थाएँ अपने मानवाधिकार दायित्वों को गम्भीरता से लें, नाकि घातक लेनदेन को सम्भव बनाने में मदद करें.

मानवाधिकार विशेषज्ञ

विशेष रैपोर्टेयर और स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ, संयुक्त राष्ट्र की विशेष मानवाधिकार प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं.

उनकी नियुक्ति जिनीवा स्थिति यूएन मानवाधिकार परिषद, किसी ख़ास मानवाधिकार मुद्दे या किसी देश की स्थिति की जाँच करके रिपोर्ट सौंपने के लिये करती है. 

ये पद मानद होते हैं और मानवाधिकार विशेषज्ञों को उनके इस कामकाज के लिये, संयुक्त राष्ट्र से कोई वेतन नहीं मिलता है.

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