यूएन रैज़ीडेंट कोऑर्डिनेटर ने यूएन न्यूज़ हिन्दी के साथ एक बातचीत में बताया कि म्याँमार में शुक्रवार को आए भूकम्प से बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि हुई है, कम से कम 700 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है और 1,600 से अधिक घायल हुए हैं. हताहतों का आँकड़ा अभी और बढ़ने की आशंका है.
मानवतावादी समन्वयक मार्कोलुइजी कॉर्सी के अनुसार, आपदा प्रभावित इलाक़ों में यूएन व साझेदार संगठनों की पहले से ही उपस्थिति है और इसलिए शुरुआती दिनों की चुनौतियों के बावजूद स्थानीय आबादी तक मौजूद राहत सामग्री को पहुँचा पाना सम्भव होगा.
उन्होंने कहा कि 2021 में सैन्य तख़्तापलट के बाद से ही देश एक कठिन दौर से गुज़र रहा है और उसके साथ-साथ कई इलाक़ों में बाढ़ व तूफ़ान समेत बीमारियों के फैलाव की भी चुनौती है. इसलिए, देश में मानवतावादी उद्देश्यों के लिए पर्याप्त स्तर पर सहायता धनराशि को मुहैया कराया जाना होगा.
इस बातचीत को स्पष्टता व संक्षिप्तता की ख़ातिर सम्पादित किया गया है.
यूएन न्यूज़: म्याँमार में आए शक्तिशाली भूकम्प से हुई क्षति के बारे में अब तक क्या जानकारी है? स्थानीय बुनियादी ढाँचे को कितना नुक़सान हुआ है और सर्वाधिक प्रभावित इलाक़े कौन से हैं?
रैज़ीडेंट कोऑर्डिनेटर: स्थिति अभी निरन्तर बदल रही है और भूकम्प को आए क़रीब 24 घंटे बीत चुके हैं. आरम्भिक रिपोर्ट के अनुसार बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित हुए हैं. सगाइंग, मैंडाले, बागो और शन के कुछ हिस्सों समेत कई क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे को काफ़ी क्षति पहुँची है. म्याँमार के मध्य इलाक़े में स्थित इन इलाक़ों को शुष्क क्षेत्र (dry zone) कहा जाता है.
इमारतें व पुल ध्वस्त हो गए हैं और अस्पतालों को भी नुक़सान पहुँचा है. न केवल देश की राजधानी ने पी डॉ में बल्कि मैंडाले में भी, जोकि म्याँमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर है.
कई सड़क मार्गों के क्षतिग्रस्त होने की वजह से उन रास्तों से होकर गुज़रना सम्भव नहीं है और राहत एजेंसियों को प्रभावित इलाक़ों तक पहुँचने में लम्बा समय लग रहा है. बुनियादी सेवाओं में भी व्यापक तौर पर व्यवधान आया है. फ़ोन लाइन, इंटरनैट व्यवस्था पर असर हुआ है.
मैं इस समय यहाँ यंगून में हूँ और मेरे लिए इंटरनैट व फ़ोन का इस्तेमाल कर पाना बहुत मुश्किल है. मोबाइल इंटरनैट के ज़रिये थोड़ी मदद मिल पा रही है.
यूएन न्यूज़: आपकी टीम के आकलन के अनुसार, भूकम्प से प्रभावित समुदायों की इस समय क्या आवश्यकताएँ हैं?
रैज़ीडेंट कोऑर्डिनेटर: यह एक बड़ा क्षेत्र है जोकि इस आपदा में प्रभावित हुआ है. अनुमान है कि यहाँ रहने वाले क़रीब दो करोड़ लोगों पर इसका असर हुआ है. हताहतों का आँकड़ा निरन्तर बढ़ रहा है.
अब तक, कम से कम 700 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है और 1,600 से अधिक घायल हुए हैं. लेकिन जैसे-जैसे बचाव एवं राहत कार्य आगे बढ़ेगा, इस आँकड़े में वृद्धि होने की आशंका है. बड़ी संख्या में लोगों के लापता होने की भी ख़बर है.
हमारी टीम ज़मीन पर मौजूदा आवश्यकताओं का आकलन करने में जुटी है. फ़िलहाल उन प्रभावित लोगों के लिए आश्रय की ज़रूरत होगी, जिनके घर को नुक़सान पहुँचा है. साथ ही, साफ़-सफ़ाई व जल व्यवस्था सुनिश्चित करने की ज़रूरत होगी.
यहाँ यह ध्यान रखना होगा कि भूकम्प से पहले इस इलाक़े में दस्त लगने की बीमारी फैल रही थी और अब भूकम्प के बाद हालात को और बिगड़ने से रोकना होगा.
ज़रूरतमन्द लोगों के लिए भोजन की भी व्यवस्था करनी होगी. हम उन छोटे बच्चों के लिए बहुत चिन्तित हैं, जोकि अपने माता-पिता से बिछुड़ गए गए हैं. ऐसे हालात में कुछ भी हो सकता है. इसलिए, हमे स्थिति पर नज़र रखनी होगी ताकि परिवारों को एक साथ मिलाया जा सके.
ऐसी ख़बरें है कि कुछ लोगों ने रात बाहर खुले में गुज़ारी. फ़िलहाल क्षतिग्रस्त घरों में वापिस लौट पाना उनके लिए सम्भव नहीं है.
यूएन न्यूज़: भूकम्प प्रभावित इलाक़ों में मानवीय सहायता प्रयासों के नज़रिये से राहतकर्मियों की टीम को किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, विशेष रूप से दुर्गम, दूर-दराज़ के इलाक़ों में?
रैज़ीडेंट कोऑर्डिनेटर: मैंडाले और नेपीडॉ जाने वाले कुछ सड़क मार्ग इस आपदा में प्रभावित हुए हैं, मगर यहाँ दोनों जगह पर संयुक्त राष्ट्र और उसके साझेदार संगठनों की पहले से ही मौजूदगी है.
इसलिए, हम अपने भंडारण केन्द्रों पर पहले से उपलब्ध सहायता सामग्री को उपयोग में ला सकते हैं, जब तक अतिरिक्त आपूर्ति वहाँ नहीं पहुँचती है.
तो शुरुआती दिनों में मानवीय सहायता अभियान में कुछ मुश्किलें पेश आ सकती हैं, मगर हम फिर स्थानीय आबादी तक पहले से मौजूद राहत सामग्री को पहुँचा सकेंगे.

म्याँमार के मैंडाले शहर में 7.7 की तीव्रता वाले भूकम्प से जान-माल की हानि हुई है.
यूएन न्यूज़: फ़रवरी 2021 में सैन्य तख़्तापलट के बाद से ही म्याँमार एक विशाल संकट से जूझ रहा है. और अब इस भूकम्प से बर्बादी हुई है. पहले से ही विकट हालात से जूझ रही स्थानीय आबादी पर इस भूकम्प का कितना असर होगा, और मानवतावादी एजेंसियों के लिए राहत कार्य कितना कठिन हो गया है.
रैज़ीडेंट कोऑर्डिनेटर: 2025 में मानवीय सहायता आवश्यकताओं के लिए वार्षिक योजना के आकलन के अनुसार, देश में क़रीब दो करोड़ लोगों को मदद की ज़रूरत थी. और यह भूकम्प से पहले का अनुमान है. इसलिए भूकम्प के बाद हालात और गम्भीर होंगे. देश पहले से ही संघर्ष के दौर से गुज़र रहा है.
सात महीने पहले यहाँ बाढ़ का प्रकोप था. और 2023 में चक्रवाती तूफ़ान का. तो एक तरह से, यहाँ के समुदायों की सहनसक्षमता पर भी असर हो रहा है. अब भूकम्प के कारण उनके लिए स्थिति बहुत गम्भीर हो सकती है और ज़रूरतें बढ़ेंगी.
इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करना है कि उपयुक्त ढंग से सहायता प्रदान की जाए और पर्याप्त स्तर पर धनराशि मुहैया कराई जाए.
यूएन न्यूज़: आपने कहा कि भूकम्प के बाद पहले से कठिन स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो जाएगी. म्याँमार के लिए इस कठिन समय में समर्थन के इरादे से अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के लिए आपका क्या सन्देश है?
रैज़ीडेंट कोऑर्डिनेटर: हाँ, इस कठिन समय में, म्याँमार के लोगों को सरकारी सहायता की आवश्यकता है. मगर, पूरे अन्तरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से समर्थन भी बेहद अहम है. म्याँमार को भले ही अन्तरराष्ट्रीय एजेंडा में हमेशा ऊपर जगह ना मिल पाती है.
2025 में अब तक मानवीय सहायता अपील का केवल 5 फ़ीसदी ही जुट पाया है. 2024 में भी क़रीब 55 प्रतिशत ही रक़म प्राप्त हुई थी. इसलिए मेरी अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से अपील है कि यहाँ ज़रूरतमन्द आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सहायता धनराशि को मुहैया कराया जाएगा.
भूकम्प के बाद यहाँ ज़रूरतों के स्तर में और वृद्धि होगी और लोगों की ज़िन्दगियों की रक्षा के लिए सहायता पहुँच अहम है.

म्याँमार में 7.7 की तीव्रता वाले भूकम्प से इमारतों व बुनियादी प्रतिष्ठानों को भारी नुक़सान पहुँचा है.
