विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने आरम्भिक रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि लाखों एकड़ कृषि-योग्य भूमि जलमग्न है. सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ों में प्रभावित आबादी के लिए भोजन, पेयजल व साफ़-सफ़ाई समेत अन्य बुनियादी आवश्यकताएँ उपजी हैं.
म्याँमार में तीन वर्ष पहले हुए सैन्य तख़्तापलट के बाद से ही गम्भीर संकट पसरा हुआ है. सैन्य बलों और अलगाववादी गुटों के बीच लड़ाई तेज़ हुई है, बड़े पैमाने पर आबादी विस्थापित हुई है और उनके जीवन पर ख़तरा है.
अब बाढ़ के कारण हालात ये आपात हालात और अधिक बिगड़ने की आशंका है.
यूएन खाद्य एजेंसी की योजना क़रीब 35 हज़ार लोगों तक राहत पहुँचाने की है, जिन्होंने ऐयेयरवडी में राहत केन्द्रों पर शरण ली हुई है. भोजन पैकेटों में चावल, पौष्टिक बिस्किट समेत माताओं व बच्चों के लिए पोषक आहार की व्यवस्था की गई है ताकि उन्हें कुपोषण से बचाया जा सके.
म्याँमार में विश्व खाद्य कार्यक्रम की प्रतिनिधि शीला मैथ्यू ने आगाह किया है कि बाढ़ की वजह से मॉनसून के दौरान धान की उपज पर बड़ा असर होने का ख़तरा है, जिससे लघु किसानों के लिए खाद्य सुरक्षा की स्थिति गम्भीर हो सकती है.
विशाल चुनौतियाँ
उन्होंने कहा कि जलस्तर बढ़ने का असर ना केवल ऐयेयरवडी डेल्टा में महसूस किए जाने की सम्भावना है बल्कि यह पूरे म्याँमार को अपनी चपेट में ले सकता है. इसके मद्देनज़र, उन्होंने खाद्य क़िल्लत की आशंका से निपटने के लिए समय रहते प्रयास किए जाने पर बल दिया है.
म्याँमार में 2024 के लिए मानवतावादी योजना के अनुसार, इस बाढ़ से पहले ही, ऐयेयरवडी डेल्टा में 15 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता थी, जोकि आबादी का क़रीब 25 फ़ीसदी है.
यूएन मानवतावादी कार्यालय (OCHA) ने पिछले वर्ष दिसम्बर में आगाह किया था कि बच्चे मौजूदा संकट का सर्वाधिक ख़ामियाज़ा भुगत रहे हैं. विस्थापन, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में व्यवधान, खाद्य असुरक्षा और कुपोषण व संरक्षण जोखिम की वजह से 60 लाख बच्चे ज़रूरतमन्द हैं.
महत्वपूर्ण राहत अभियान
पिछले नौ वर्षों में यह पहली बार है जब WFP ने ऐयेयरवडी डेल्टा में अपना सहायता अभियान शुरू किया है. इससे पहले, वर्ष 2015 में व्यापक पैमाने पर आई बाढ़ की पृष्ठभूमि में यूएन एजेंसी ने राहत प्रयास किए थे.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विश्व खाद्य कार्यक्रम ने म्याँमार के बागो, काचिन, कायिन, मैंडले, सगाइंग समेत अन्य इलाक़ों में सवा लाख से अधिक प्रभावित परिवारों तक सहायता पहुँचाई है.
यूएन एजेंसी ने बताया कि राख़ीन प्रान्त में मौजूदा आवश्यकताओं का आकलन किया जा रहा है और ज़रूरतमन्द आबादी तक राहत पहुँचाने के लिए उनकी टीम तैयार है.
सहायता अभियान में वे इलाक़े भी हैं जोकि देश में जारी हिंसक टकराव से प्रभावित हैं. हालांकि ऐयेयरवडी और बागो के कुछ हिस्से, म्याँमार के वे इलाक़े हैं, जहाँ लड़ाई नहीं हो रही है.