“मुझे लग रहा था कि मैं अपना बच्चा खो दूँगी और अस्पताल के रास्ते में ही दम तोड़ दूँगी.”
रोंगटे खड़े कर देने वाले ये शब्द हैं, सैमुअलिन रज़ाफ़िन्द्रवाओ के. जब उन्हें पता चला कि बेहतर चिकित्सा नहीं मिलने पर, वो अपने बच्चे से महरूम हो सकती हैं, तब उन्हें दक्षिणी मेडागास्कर के एंड्रोय क्षेत्र के अम्बोवोम्बे शहर में स्थित विशेषज्ञ अस्पताल तक जाने के लिए, घंटों लम्बी कष्टदायक यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर, सैमुअलिन रज़ाफ़िन्द्रवाओ ने यूएन न्यूज़ को अपनी आपबीती सुनाई.
ऐसे देश में, जहाँ आज भी ज़्यादातर प्रसव घरों में होते हैं, और जहाँ आज भी पारम्परिक दाई को प्रसव करवाने की क़ीमत के रूप में, मुर्ग़ा भेंट किया जाता हो, वहाँ इस तरह का फ़ैसला कोई छोटा नहीं था.
उन्होंने बताया, “अस्पताल में ख़र्चे की चिन्ता के कारण, मैं घर पर बच्चा पैदा करने के लिए तैयार हुई थी. लेकिन प्रसव में कुछ जटिलताओं का सामना करने पर, मैं स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र गई.”
वहाँ के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को समझ आ गया कि उन्हें बेहतर चिकित्सा सेवा की आवश्यकता है और उन्होंने तुरन्त एंड्रोय क्षेत्रीय रेफ़रल अस्पताल की एम्बुलेंस बुला ली. यह सफ़र इलाक़े के दूसरी ओर था, और टेढ़ी-मेढ़ी सड़कों से होकर जाता था.
“बच्चा जन्म लेने के लिए ज़ोर लगा रहा था, और फिर तभी उसका हिलना-डुलना बन्द हो गया. मुझे लगा मेरी जान चली जाएगी और साथ ही मैं बच्चे को भी खो दूँगी.
एम्बुलेंस की कमी
मेडागास्कर में बहुत मुश्किल से ही कभी-कभार एम्बुलेंस बुलाई जाती है और इस इलाक़े में यह किसी विलासिता से कम नहीं है. लेकिन, एंड्रोय क्षेत्रीय रेफ़रल अस्पताल भी अफ़्रीका के इस निर्धनतम देश के ग़रीब इलाक़े में स्थित कोई आम अस्पताल नहीं है.
कई प्रकार की चिकित्सा सुविधाओं से युक्त यह एक विशेषज्ञता युक्त अस्पताल के रूप में विकसित हो चुका है, जिसमें मातृत्व स्वास्थ्य भी शामिल है. इसका श्रेय जाता है, देश में काम कर रही संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों को. अस्पताल की दो एम्बुलेंसों में से एक, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) ने भेंट की है.
UNFPA, सिज़ेरियन ऑपरेशन के साथ-साथ प्रसूति सम्बन्धी फिस्टुला सर्जरी करने वाले अस्पताल के सर्जन और प्रसव व परिवार नियोजन में मदद करने वाली दो दाइयों को भी समर्थन दे रहा है. इलके अलावा समय-पूर्व जन्मे शिशुओं के लिए इनक्यूबेटर और माताओं के लिए प्रसव किट भी उपलब्ध कराए गए हैं.
यूएनएफ़पीए के डॉक्टर सदोस्कर हाकिज़िमाना, एक सर्जन हैं, जिन्होंने अस्पताल में प्रसव के लिए दर्जनों सिज़ेरियन ऑपरेशन किए हैं. उनका मानना है कि मातृ स्वास्थ्य सेवाओं को एक ही स्थान पर रखने से अधिक जीवन बचाए जा सकते हैं.
वो बताते हैं, “यहाँ आने वाली 60 से 70 प्रतिशत गर्भवती महिलाएँ, समय रहते चिकित्सा सेवाएँ नहीं लेने के कारण पहले ही अपना बच्चा खो चुकी होती हैं. लेकिन जो माताएँ समय पर हमारे पास आ जाती हैं, उनका स्वस्थ प्रसव करवाने की हमारी सफलता दर 100 प्रतिशत की है, चाहे वो प्राकृतिक प्रसव हो या ऑपरेशन के ज़रिए जन्म. हमारे पास विभिन्न प्रकार की चिकित्सा सुविधाएँ मौजूद हैं.”
ये सारी सुविधाएँ निशुल्क हैं और इनके साथ-साथ यूएन एजेंसियाँ सहूलियत के लिए अन्य कई सुविधाएँ भी प्रदान करती हैं. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF), तीव्र कुपोषण के शिकार बच्चों को पोषण व मेडिकल सुविधाएँ प्रदान करता है तथा माता-पिता को उत्कृष्ट पोषण के उपायों पर जानकारी देने के लिए सत्र भी आयोजित करता है.
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) विकलाँगों व मानसिक रोगों के शिकार लोगों को विभिन्न सेवाएँ प्रदान करता है.
और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने अस्पताल के साथ मिलकर सौर पैनल भी स्थापित किए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कभी अनियमित बिजली आपूर्ति के कारण जीवन-रक्षक उपकरण निष्क्रिय न हो जाएँ.
एंड्रोय में सार्वजनिक स्वास्थ्य की कार्यकारी क्षेत्रीय निदेशक, डॉक्टर जर्मेइन रेटोफ़ा ने अस्पताल में सेवाओं का एकीकरण करने में अहम भूमिका निभाई है, जिससे अन्य सुधारों के अलावा, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में गिरावट के साथ-साथ, बाल टीकाकरण में भी वृद्धि हुई है.
वो कहती हैं, “इन सभी सेवाओं को एक-साथ लाना समझदारी है, क्योंकि इससे हम स्वास्थ्य सेवा से सम्बन्धित अधिक समग्र दृष्टिकोण पेश कर सकते हैं. इसमें, मातृत्व स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ, कुपोषित बच्चों के लिए पोषण परामर्श भी शामिल होता है.”
मेडागास्कर में संयुक्त राष्ट्र, अपने संसाधनों को “एक ही क्षेत्र” में केन्द्रित कर रहा है, जिससे संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एवं विकास-केंद्रित एजेंसियों को, दीर्घकालिक योजनाओं का समन्वय करने में आसानी हो.
मेडागास्कर में यूएनडीपी की स्थानीय प्रतिनिधि नताशा वैन रिज्न ने कहा, “इन एकीकरण केन्द्रों में, इस बात पर बल दिया जाता है कि विकास और मानवतावादी कार्यकर्ता, एक-साथ मिलकर, साझेदारी में काम करें.”
उन्होंने कहा, “अगर हम मेडागास्कर की विषम स्थिति को समझते हुए हालात का अवलोकन करें, तो हमारे पास सभी जटिल बहुक्षेत्रीय आयामों में ज़रूरतों से निपटने का अवसर है.”
उधर, एंड्रोय क्षेत्रीय रेफ़रल अस्पताल में, सैमुअलिन रज़ाफ़िन्द्रवाओ और सिज़ेरियन ऑपरेशन से पैदा हुई उनकी चार दिन की बच्ची, अभी अस्पताल के प्रसूति वार्ड में हैं और पूर्णत: स्वस्थ हैं.
पहली बार माँ बनने के कारण, वो अभी अपने बच्चे को स्तनपान कराना सीख रही हैं.
उन्होंने बच्ची का नाम फैंड्रेसेना रखा है. जल्द ही, वो दोबारा 200 किलोमीटर लम्बी यात्रा करके घर वापस जाएँगी, लेकिन इस बार यह सफ़र गम्भीर स्थिति में बुलाई गई एम्बुलेंस में नहीं होगा.