प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 जनवरी को लक्षद्वीप का दौरा किया था। समुद्र किनारे बिताए कुछ पलों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालीं। प्रधानमंत्री ने लिखा कि घुमक्कड़ों को लक्षद्वीप जाना चाहिए। इस पर मालदीव की युवा अधिकार, सूचना और कला उपमंत्री मरियम शिउना ने आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसके बाद मालदीव के और मंत्रियों ने कमेंट किया, जिसमें ये कहने की कोशिश की गई कि भारत के तट मालदीव के समुद्री तटों के सामने कुछ नहीं हैं। इसके बाद बवाल बढ़ गया। भारत के विभिन्न क्षेत्रों के शख्सियतों ने मालदीव की मंत्री की टिप्पणी पर सख्त आपत्ति दर्ज की। बवाल बढ़ा तो इस पूरे मामले पर मालदीव सरकार ने अपना पक्ष रखा। इसके बाद मालदीव सरकार ने मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महजूम माजिद तीन मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया। इस पूरे मामले को लेकर भारत के बढ़ते प्रभाव पर हमने एक पोल चलाया। इंडिया टीवी के इस पोल में लोगों ने अपनी राय जाहिर की, जिसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
नौ हजार से ज्यादा लोगों ने दी राय
इंडिया टीवी के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर हमने जनता से पूछा था, “प्रधानमंत्री मोदी पर विवादित टिप्पणी के कारण मालदीव के तीन मंत्रियों को हटाया जाना क्या भारत के बढ़ते प्रभाव का नतीज है?” और हमने ‘हां’, ‘नहीं’ और ‘कह नहीं सकते’ के विकल्प दिए थे। पोल पर कुल 9,593 लोगों ने अपना जवाब दर्ज कराया, जिसके आंकड़े काफी हैरान करने वाले हैं। 90 फीसदी लोगों ने ‘हां’ में जवाब दिया, जबकि 7 फीसदी ने ‘नहीं’ ऑप्शन को चुना। इसके अलावा 3 फीसदी लोगों का जवाब ‘कह नहीं सकते’ में है।
भारत-मालदीव संबंध
भारत और मालदीव के बीच रिश्ते
गौरतलब है कि हाल के महीनों में नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू के पदभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच तनाव आया है। मोहम्मद मुइज़्ज़ू को चीन का करीबी माना जाता है और उन्होंने विदेश नीति में बदलाव के संकेत भी दिए हैं। वे 7 जनवरी को चीन के दौरे पर भी गए थे। इस बीच, लक्षद्वीप में पीएम मोदी की यात्रा ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी हैं। सोशल मीडिया यूजर्स लक्षद्वीप की तुलना मालदीव से कर रहे हैं, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो अपने खूबसूरत समुद्र तटों के लिए जाना जाता है।