हाल ही में, अमेरिका, क़तर और मिस्र की मध्यस्थता के ज़रिये, इसराइल और हमास के बीच युद्धविराम समझौते पर सहमति हुई है, जिसके प्रथम चरण के तहत बन्धकों व बन्दियों को रिहा किया जा रहा है और ग़ाज़ा में फ़िलहाल हिंसा पर विराम है. 15 सदस्य देशों वाली सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता, जनवरी महीने के लिए अल्जीरिया के पास है, जिसके विदेश मंत्री अहमद अत्ताफ़ ने इस चर्चा की औपचारिक रूप से शुरुआत की.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सुरक्षा परिषद को अपने सम्बोधन में कहा कि ग़ाज़ा में लागू हुआ युद्धविराम और उसके बाद बन्धकों की रिहाई, मध्य पूर्व क्षेत्र के लिए आशा की किरण है.
“पहले चरण के तौर पर कल, पहली तीन महिला बन्धकों को रिहा किया गया. इसराइल द्वारा भी 90 फ़लस्तीनी बन्दियों को रिहा किया गया है,” जिससे दोनों तरफ़ के परिवारों को राहत मिली है.
महासचिव गुटेरेश ने भरोसा दिलाया कि मानवीय सहायता का स्तर बढ़ाने के लिए यूएन प्रतिबद्ध है. रविवार को ग़ाज़ा पट्टी में 630 से अधिक ट्रकों ने प्रवेश किया, जिनमें से कम से कम 300 को उत्तरी ग़ाज़ा की ओर रवाना किया. यूएन प्रमुख ने सचेत किया कि मध्य पूर्व एक गहरे बदलाव के दौर से गुज़र रहा है और यह समय अनिश्चितता व अवसरों से पूर्ण है.
“हमारा यह दायित्व है कि यह सुनिश्चित करें कि मध्य पूर्व की जनता इस उथलपुथल भरे समय से शान्ति, गरिमा व कार्रवाई की नींव पर खड़ी की गई आशा के क्षितिज के साथ बाहर आए.”
यूएन प्रमुख ने त्वरित सहायता की पुकार लगाते हुए ध्यान दिलाया कि फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसियों (UNRWA) समेत मानवीय राहत एजेंसियों को तुरन्त, सुरक्षित ढंग से बिना किसी अवरोध के सहायता पहुँचाई जानी होगी. साथ ही, आम नागरिकों को बेहतर ढंग से सुरक्षा मुहैया कराई जानी अहम है.
उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व क्षेत्र में स्थिरता के लिए दो-राष्ट्र समाधान की दिशा में एक ऐसा क़दम उठाना आवश्यक है, जिसे फिर पलटा ना जा सके, और दोनों की राजधानी येरूशलम होने के साथ इसराइल व फ़लस्तीन एक दूसरे के साथ रह सकें.
मध्य पूर्व में बदलाव का दौर
यूएन प्रमुख ने अपनी लेबनान यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने दक्षिणी हिस्से में हुई बर्बादी व त्रासद मानवीय प्रभावों को प्रत्यक्ष रूप से देखा. इसराइली नागरिक भी इस टकराव में पीड़ित हुए और उन्हें नुक़सान व विस्थापन को झेलना पड़ा.
उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष के लोगों के लिए अपने घर जल्द लौट पाना सम्भव होगा, और आम नागरिकों की पीड़ा को दूर करने के लिए यूएन प्रतिबद्ध है.
महासचिव के अनुसार, लेबनान में यूएन शान्तिरक्षक मिशन की क्षमताओं को मज़बूत बनाया जाना आवश्यकता है, साथ ही, मौजूदा परिस्थितियों के अनुरूप, उनके शासनादेश के तहत उनके अभियान संचालन को ढालना होगा.
यूएन प्रमुख ने कहा कि सीरिया, पिछली कई सदियों से सभ्यताओं का चौराहा रहा है और अब यह इतिहास के दोराहे पर खड़ा है.
“पिछले, बर्बर शासन के पतन और वर्षों के रक्तपात के अन्त के बाद, सीरिया की जनता के लिए एक वादे की सम्भावना है. हम इस आशा की ज्वाला को अराजकता की लपटों में नहीं बदलने दे सकते हैं.”
यूएन प्रमुख ने भरोसा दिलाया कि उनका संगठन सीरियाई जनता व अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबध है, ताकि सीरियाई नेतृत्व में एक विश्वसनीय व समावेशी राजनैतिक बदलाव प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जा सके.
फ़लस्तीन: युद्धविराम जारी रहने की उम्मीद
फ़लस्तीनी विदेश मंत्री वार्सेन आग़ाबेकियाँ ने टकराव का अन्त होने का स्वागत करते हुए मिस्र, जॉर्डन समेत अन्य की सराहना की, जिनके समर्थन से युद्ध के दौरान फ़लस्तीनियों को क़ाबिज़ इलाक़े से बाहर विस्थापित होने से रोका जा सका.
उन्होंने “हमारे लोगों के विरुद्ध जनसंहार का अन्त करने के लिए” दक्षिण अफ़्रीका द्वारा इसराइल के विरुद्ध अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय में किए गए मुक़दमे की भी सराहना की.
फ़लस्तीनी नेता ने फ़लस्तीनियों को विस्थापित करने की कोशिशों को पूर्ण रूप से ख़ारिज करने की बात दोहराई, जोकि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के सिद्धान्तों का उल्लंघन है.
उन्होंने फ़लस्तीनी सुरक्षा बलों के लिए प्रशिक्षण व किसी प्रकार की सहायता के साथ-साथ, ग़ाज़ा को मौजूदा मानवीय तबाही से उबारने के लिए प्रयासों का स्वागत किया.
उन्होंने दोहराया कि इस विषय में क़ाबिज़ शक्ति के पास UNRWA एजेंसी के सहायता प्रयासों को सीमित करने का कोई अधिकार नहीं है. साथ ही, अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से मध्य पूर्व में शान्ति स्थापना के लिए एक व्यापक, स्थाई समाधान पर पहुँचने की अपील की.
इसराइल: बन्धकों की पीड़ा
इसराइली प्रतिनिधि रियूत शापिर बेन-नेफ़्तली ने कहा कि रविवार को बन्धकों की रिहाई हुई है और अब अन्य परिवार भी अपने परिजन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जोकि अब भी क़ैद मे हैं.
उनके अनुसार, हमास ने यह युद्ध अक्टूबर 2023 में इसराइल पर हमला करके शुरू किया था. उसके बाद, इसराइल ने हूथी आतंकवादियों और अन्य द्वारा किए गए हमलों से अपनी रक्षा की है.
उन्होंने कहा कि इसराइल, लेबनान में मौजूदा युद्धविराम के लिए प्रतिबद्ध है मगर उसके पास अपनी रक्षा पर उपजने वाले किसी भी ख़तरे से निपटने का अधिकार है.
इसराइली प्रतिनिधि ने कहा कि सीरिया से लड़ाई की कोई मंशा नहीं है, मगर इसराइली हितों का ख़याल रखा जाएगा. उनके अनुसार, ईरान-समर्थित नैटवर्क कमज़ोर हुआ है और नेताओं को ख़त्म कर दिया गया है.
उन्होंने अमेरिका सहित अपने सहयोगियों से समर्थन के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि यह साझेदारी पारस्परिक सम्मान पर आधारित है और आतंकवाद से लड़ने में अहम है. उन्होंने कहा कि यह क्षण केवल एक शुरुआत है और यह युद्ध तब तक ख़त्म नहीं होगा जब तक सभी बन्धक घर नहीं लौट जाते.