हर चार वर्षों में एक बार आयोजित होने वाली विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (WTSA) में, दुनिया भर के उन विशेषज्ञों के लिए प्राथमिकताएँ तय की जाती हैं, जो साल भर संयुक्त राष्ट्र के अन्तरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) के स्थापित मानकों को विकसित करने के लिए काम करते हैं.
इंडिया मोबाइल काँग्रेस के साथ संयुक्त रूप से आयोजित WTSA को पहली बार एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है.
कार्यक्रम का उद्घाटन, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुआ. इसमें सार्वभौमिक कनैक्टिविटी, नैतिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की आवश्यकता और डिजिटल समावेशन के ज़रिए लोगों के जीवन में सार्थक बदलाव लाने के उपायों की माँग गूँजी.
ITU की महासचिव डोरेन बोगडान-मार्टिन ने इस अवसर पर कहा कि भारत ने अपने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे के साथ जो हासिल किया है, उससे दुनिया को बहुत कुछ सीखना है.
उन्होंने कहा, “यह वैश्विक सभा, साहसिक, सामूहिक कार्रवाई का आहवान करती है. हम अगले दस दिनों में अन्तरराष्ट्रीय मानकों की भूमिका को मज़बूत करते हुए, वैश्विक डिजिटल प्रशासन का आधार पुख़्ता कर सकते हैं.”
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौक़े पर कहा, ”हम इस क्षेत्र में जो भी मानक स्थापित करते हैं, यह हमारे भविष्य का मार्ग तय करेंगे. इसलिए हमें ‘सुरक्षा, सम्मान और समानता’ के सिद्धान्तों पर काम करना होगा, और यही हमारी चर्चा का केन्द्र होना चाहिए.”
उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य यही होना चाहिए कि कोई भी देश, क्षेत्र, या समुदाय, इस डिजिटल युग में पीछे न छूट जाए.”
ITU का मानकीकरण कार्य, एजेंसी के सदस्य देशों के योगदान व आम सहमति से प्रेरित होता है, जिसमें 194 सदस्य देश व 1,000 से अधिक सदस्य कम्पनियाँ, विश्वविद्यालय तथा अन्तरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय संगठन शामिल हैं.
WTSA, हर चार वर्षों में ITU की मानकीकरण शाखा की रणनीति, संरचना व कामकाज के तरीक़ों की समीक्षा करता है. यह शासनादेशों को मंज़ूरी देता है और अन्तरराष्ट्रीय मानकीकरण के लिए विशेषज्ञ समूहों की नेतृत्व टीमों की नियुक्ति करता है.