डॉक्टर मनमोहन सिंह ने मई 2004 से मई 2014 तक, दो बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार सम्भाला. इससे पहले, उन्होंने 1990 के दशक में देश के वित्त मंत्री के रूप में अपना योगदान दिया.
गुरुवार शाम को तबीयत बिगड़ने के बाद, पूर्व प्रधानमंत्री को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था, मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका.
यूएन प्रमुख की सहायक प्रवक्ता स्टैफ़नी ट्रैम्बले ने महासचिव की ओर से शुक्रवार को एक वक्तव्य जारी किया, जिसमें उन्होंने भारतीय नेता के निधन पर दुख व्यक्त किया है.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत के हालिया इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेष रूप से देश की आर्थिक दिशा को आकार देने में.
“2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के तौर पर, श्री सिंह ने भारत में ठोस आर्थिक प्रगति व विकास के दौर की अगुवाई की.”
“उनके नेतृत्व में, भारत ने संयुक्त राष्ट्र के साथ अपने सहयोग को मज़बूती प्रदान की, और वैश्विक पहलों व साझेदारियों में सक्रियतापूर्वक अपना योगदान दिया.”
यूएन प्रमुख ने शोकाकुल परिवार, भारत सरकार और देश की जनता के लिए इस घड़ी में अपनी गहरी सम्वेदना व्यक्त की है.
भारत में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने भी पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर शोक प्रकट किया है. यूएन कार्यालय ने सोशल मीडिया पर अपने एक सन्देश में कहा कि “डॉक्टर मनमोहन सिंह ने लोगों के जीवन को बदला और विश्व में भारत की साख को मज़बूती दी.”
अधिकारों से अर्थव्यवस्था तक, संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर, उन्होंने किसी को भी पीछे ना छूटने देने का हरसम्भव प्रयास किया.
यूएन कार्यालय ने शोक संतप्त परिवार व भारत की जनता के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना व्यक्त की है.