Launch of India’s first semi-cryogenic rocket: चेन्नई (Chennai) स्थित अंतरिक्ष तकनीक स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस (space tech startup Agnikul Cosmos) ने 6 अप्रैल को दो हफ्ते की अवधि में दूसरी बार भारत के पहले सेमी-क्रायोजेनिक इंजन रॉकेट (semi-cryogenic engine rocket) का प्रक्षेपण रद्द कर दिया। अग्निकुल कॉसमॉस ने इसकी लॉन्चिंग को रद्द किये जाने का कारण नहीं बताया। “अग्निबाण SOrTeD” (सबऑर्बिटल टेक डेमोंस्ट्रेटर) का प्रक्षेपण इसके पहले 22 मार्च को निर्धारित किया गया था। लेकिन “अपरिहार्य परिस्थितियों” के कारण एक दिन पहले रद्द कर दिया गया था। रद्द करने का कारण फिर से नहीं बताया गया था। लेकिन इसके कैंसल किये जाने के पीछे मौसम का गड़बड़ रहने की अटकलें लगाई जा रही थीं।
21 मार्च को, स्टार्टअप ने एक्स (X (formerly Twitter) पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, “Agnikul कल रात फुल काउंटडाउन रिहर्सल (full countdown rehearsals) से कुछ छोटे ऑब्जर्वेशन के आधार पर अत्यधिक सावधानी बरतते हुए लॉन्च को रोक रहा है। आप सभी को इसकी नई तारीख और समय पोस्ट करते रहेंगे। सभी के समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।”
अग्निकुल के “अग्निबाण SOrTeD” ( “Agnibaan SOrTeD”) को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Center in Sriharikota) में स्टार्टअप के निजी लॉन्चपैड “धनुष” (“Dhanush”) से लॉन्च किया जाना था।
इसमें एग्निलेट (Agnilet) नामक सिंगल-पीस 3डी-प्रिंटेड इंजन शामिल है। इसका स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्माण किया गया है।
सेमी-क्रायोजेनिक इंजन एफिसिएंसी, कॉस्ट-इफेक्टिवनेस, सुरक्षा, ऑपरेशनल फ्लेक्सिब्लिटी आदि के संदर्भ में क्रायोजेनिक इंजन की तुलना में कई प्रकार से बेहतर लाभ देता है।
अग्निबाण एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक (technology demonstrator) है। यह स्टार्टअप की टेक्नोलॉजीज को उनके व्यावसायिक लॉन्च के लिए मान्यता देने में मदद करेगा।
आईआईटी मद्रास (IIT Madras) के श्रीनाथ रविचंद्रन (Srinath Ravichandran), मोइन एसपीएम (Moin SPM) और एसआर चक्रवर्ती (SR Chakravarthy) द्वारा 2017 में स्थापित स्टार्टअप का लक्ष्य इसे सुलभ और लागत अनुकूल बनाकर अंतरिक्ष अन्वेषण में सभी को समान अवसर उपलब्ध कराना है।