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भारत: ऐप के ज़रिए जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की देखभाल

भारत: ऐप के ज़रिए जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की देखभाल

एक दाई के रूप में लवप्रीत सैनी हमेशा माताओं की मदद के लिए तत्पर रहती हैं.

लवप्रीत सैनी जब नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थीं तो जच्चा-बच्चा देखभाल में उनकी विशेष दिलचस्पी जागी.

लवप्रीत बताती हैं, “इस समस्या से किस तरह निपटा जाए, आज भी यह सरकारों के लिए एक ज्वलन्त मुद्दा है, क्योंकि स्वस्थ शिशु व स्वस्थ माता, किसी भी देश के विकास की नींव होती हैं.”

एक दशक से ज़्यादा समय से, प्रसव वार्डों में जच्चाओं के साथ काम कर रहीं लवप्रीत सैनी ने, 2024 में दाई प्रशिक्षक के रूप में योग्यता प्राप्त की. अस्पताल में लम्बी ड्यूटी देने के साथ यह योग्यता हासिल करना आसान काम नहीं था, लेकिन यह सम्भव हुआ, एक डिजिटल टूल के ज़रिए, जो ख़ासतौर पर दाइयों के लिए तैयार किया गया था.

सुरक्षित प्रसव का ऐप

लवप्रीत सैनी को मातृ व नवजात शिशु देखभाल सेवा के क्षेत्र में ख़ास रुचि है.

2015 में एक अन्तरराष्ट्रीय ग़ैर सरकारी संस्था Maternity Foundation ने मातृ व शिशु स्वास्थ्य देखभाल के लिए सुरक्षित डिलीवरी ऐपजारी किया.

यह मंच निम्न संसाधन क्षेत्रों में दाइयों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए एक निशुल्क प्रशिक्षण उपकरण है, जिसके तहत उपयोगकर्ताओं को प्रसव व उससे सम्बन्धित जटिलताओं से निपटने के लिए, एनीमेटिड वीडियो, व्यवहारिक प्रक्रियाओं की जानकारी व अन्य सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं.

लवप्रीत सैनी को अपने कामकाज की व्यस्तता के बीच, पढ़ने के लिए मुश्किल से ही समय मिल पाता था. ऐसे में, यह ऐप उनके लिए बहुत मददगार साबित हुआ.

वो बताती हैं, “वीडियो व संक्षेप में जानकारी मिलने से, मुझे परीक्षा पास करने में बहुत मदद मिली. इसमें गर्भनिरोधक के आधुनिक तरीक़ों, व गर्भधारण से पहले से लेकर प्रसवोत्तर देखभाल तक को शामिल किया गया है.”

लाभ अनेक

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य व प्रजनन एजेंसी UNFPA तथा साझीदारों की मदद से, यह ऐप अब 70 देशों में 4 लाख 35 हज़ार लोगों तक पहुँच चुका है.

लवप्रीत सैनी भारत के उत्तरी प्रदेश पंजाब के एक हलचल भरे शहर लुधियाना में काम करती हैं. वहाँ मातृ स्वास्थ्य पर सटीक जानकारी तक पहुँच होना विशेष रूप से बहुत महत्वपूर्ण है.

इस शहर में विशाल संख्या में प्रवासी आबादी मौजूद है, जिसका मतलब है कि संसाधनों एवं ज्ञान की कमी के कारण बहुत सी महिलाओं को देखभाल में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वहीं कुछ रूढ़िवादी मान्यताएँ अक्सर ग़लत सूचना के प्रसार का कारण बन सकती हैं.

लवप्रीत सैनी ने बताया, “समाज में मातृ एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य से जुड़ी अनेक समस्याएँ मौजूद हैं, और उनके पास निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए पर्याप्त धन नहीं है.”

ऐसे में, सुरक्षित डिलीवरी ऐप जैसे उपकरण, दाइयों के लिए तथ्यों की शिक्षा व प्रचार आसान बनाते हैं ताकि किसी भी स्थिति में सभी महिलाओं को, गुणवत्तापूर्ण मातृत्व देखभाल तक पहुँच हासिल हो सके.

यह मंच, प्रसवकालीन मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रशिक्षण प्रदान करता है जिसे अक्सर नज़रअन्दाज़ कर दिया जाता है. लवप्रीत सैनी का मानना ​​है कि यह मुद्दा जच्चा-बच्चा के समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.

दूरदराज़ के क्षेत्रों में व्याप्त चुनौतियाँ का हल

नई स्मार्टबॉट प्रणाली के परीक्षण में भाग लेतीं दाईयाँ.

सुरक्षित प्रसव ऐप का एक और लाभ यह है कि यह दूरदराज़ के क्षेत्रों में ऑफ़लाइन स्थिति में भी चालू रहता है.

लवप्रीत सैनी बताती हैं कि इससे उनके सहयोगियों को ऐसे इलाक़ों में ज़रूरी सेवाएँ मुहैया कराना सम्भव हो सका, जहाँ उनकी सबसे अधिक आवश्यकता थी.

“मुझे याद है जब मैं गुजरात गई थी. वो एक क़बायली व दूरदराज़ का क्षेत्र था. मैंने वहाँ काम करने वाली समुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को यह ऐप इस्तेमाल करने की सिफ़ारिश की. वो यह देखकर दंग रह गईं कि ऐसा उपकरण भी मौजूद है. वास्तव में वो बहुत ख़ुश हुईं.”

परियोजना का विस्तार

देश में वास्तविक समय में आसानी से जानकारी तक पहुँच प्रदान करने के लिए NeMa नामक एक नए एआई-संचालित संवादी स्मार्टबॉट की जाँच की जा रही है जिसे Neuvo Inc. Global नामक संगठन ने विकसित किया है.

UNFPA से समर्थित इस पहल को महिलाओं के स्वास्थ्य पर केंद्रित वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल कम्पनी Organon ने वित्त पोषित किया है.

हर साल, गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं के कारण, लगभग 3 लाख महिलाओं व 24 लाख नवजात शिशुओं की मौत हो जाती है. ऐसे में, समाधान खोजने की तात्कालिक ज़रूरत है. जब दाइयों का ज्ञान व कौशल बढ़ाकर उन्हें सशक्त किया जाएगा, तो वो यह सुनिश्चित कर पाएँगी कि विश्व के कुछ सर्वाधिक संवेदनशील इलाक़ों में माताएँ सुरक्षित तरीक़े से बच्चों को जन्म दे सकें.

प्रसव वार्ड में लवप्रीत के सबसे यादगार क्षणों में से एक है: एक शाम वो सहयोगात्मक देखभाल इकाई के आसपास टहल रही थीं. एक महिला ने, दूसरी गर्भवती महिला के प्रति उनका दया भाव देखकर लवप्रीत से सम्पर्क किया – उसका अनुरोध था कि उसके बच्चे का जन्म भी लवप्रीत के हाथों हो.

वो बताती है, “मेरी ड्यूटी ख़त्म हो चुकी थी लेकिन उस महिला के प्रसव में मदद करने के लिए मैं पूरी रात रुकी रही. बाद में, उस महिला ने मुझसे कहा कि उसे विश्वास है कि मेरी वजह से ही वो स्वस्थ शिशु को जन्म दे पाई.”

ये मौक़ा, उनके काम का एक ऐसा अविस्मरणीय पल है, जिसे लवप्रीत हमेशा याद रखेंगी. वो बताती हैं, “उस महिला का नाम भी लवप्रीत था – मैं भी लवप्रीत और वो भी लवप्रीत.”

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