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भारत: ‘उत्थान’ से मिली विपरीत परिस्थितियों का मुक़ाबला करने की शक्ति | India: Bibijaan

भारत: ‘उत्थान’ से मिली विपरीत परिस्थितियों का मुक़ाबला करने की शक्ति | India: Bibijaan

बीबीजान की बड़ी बहन ने, कम उम्र में ही उन्हें सफ़ाई साथी का काम सिखाया था, जिसके ज़रिए उन्होंने पहले तो, अपने अपने मायके में मदद की और विवाह के बाद अपने पति व उनके परिवार की.

बीबीजान, पिछले 23 साल से एक सफ़ाई साथी के रूप में काम कर रही हैं. 

बीबीजान ने बताया, “यहाँ तक ​​कि जब मैं गर्भवती थी, तब भी मैंने काम करना जारी रखा, क्योंकि मैं अपने परिवार में, आय अर्जित करने वाली एकमात्र सदस्य थी.”

उनके दो बच्चे हैं, जिन्हें रोज़गार मिल गया है, लेकिन फिर भी उन्होंने कामकाज करना जारी रखा हुआ है.

बीबीजान एक प्यारी मुस्कान के साथ कहती हैं, “मैं कभी भी किसी पर आर्थिक रूप निर्भर नहीं रही, तो अब क्यों रहूँ!”,

बीबीजान ने अपने कई सहकर्मियों को बुरे वक़्त में मदद पाने के लिए संघर्ष करते देखा है. ऐसे में वो एक सलाहकार बनकर उनका मार्गदर्शन भी करती हैं.

“मैं समझती हूँ कि हम अक्सर जानकारी की कमी के कारण परेशान होते हैं और सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने में असमर्थ रहते हैं. इसलिए मैं, अपने सफ़ाई साथियों को शिक्षित करने का कोई भी अवसर हाथ से निकलने नहीं देती.”

“इसमें बचत खाता भी मददगार रहा है, जिससे हम अपना धन सुरक्षित रखकर, मुसीबत के समय इस्तेमाल कर सकते हैं.”

मुस्कान के साथ परेशानियों का सामना करते हुए, बीबीजान अपनी साथियों को जागरूक करने में भी मदद करती हैं.

उन्हें उत्थान के बारे में एक सामुदायिक जागरूकता शिविर में पता चला. तब उन्होंने डाकखाने में ई-श्रम, स्वास्थ्य कार्ड, और बचत खाते के लिए पंजीकरण किया. 

“हमारे काम की प्रकृति ऐसी है कि हम हर एक दिन कई ख़तरों से रूबरू होते हैं और इसलिए स्वास्थ्य कार्ड व अन्य कल्याणकारी योजनाएँ बहुत ज़रूरी हैं. मैंने कई परेशानियों, गम्भीर बीमारियों के समय, सफ़ाई साथियों की सारी बचत ख़त्म होते देखी है.”

बीबीजान अब अधिक सुरक्षित महसूस करती हैं. उनके पास एक पहचान पत्र है जो उन्हें एक सफ़ाई कर्मी के रूप में प्रमाणित करता है, “बचत खाता से बहुत मदद हो जाती है क्योंकि अब मैं अपना धन सुरक्षित रूप से और बिना चिन्ता के, जमा करके, ज़रूरत पड़ने पर निकाल सकती हूँ.”

ज़िन्दगी में कई कठिनाइयों का सामना करने वाली बीबीजान, प्रियजनों को खोने का दर्द समझती हैं, “मेरी बेटी के पति का निधन कम उम्र में ही हो गया था.”

जीवन बहुत अनिश्चित है, इसलिए जीवन बीमा, परिवार के जीवित सदस्यों को थोड़ी सुरक्षा व राहत प्रदान कर सकता है.”

उन्होंने, उत्थान परियोजना कार्यकर्ताओं से जानकारी पाकर, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में नामांकन कराया और वो अब हर महीने इस योजना के लिए कुछ राशि का योगदान करती हैं.

बीबीजान ने अपनी बहन की बच्ची को गोद लेकर, उसके पालन-पोषण की ज़िम्मेदारी उठाई है, “मैंने उत्थान परियोजना के तहत उसके बाल आधार के लिए पंजीकरण कराया, जिससे मुझे उसे स्कूल में दाख़िला दिलवाने में मदद मिलेगी. मैं चाहती हूँ कि वह पढ़ाई करे और बड़ी होकर एक उत्कृष्ट जीवन जिए.”

“मुझे अपने काम पर गर्व है. मुझे अपने बच्चों के लिए बहुत उम्मीदे हैं. मुझे बहुत ख़ुशी है कि मैं अपने काम के ज़रिए, उनके उज्जवल भविष्य के लिए थोड़ा योगदान दे पा रही हूँ.”

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