यह क़दम उठाने से पहले कई प्रान्तों में उचित मूल्य पर दिए जाने वाले अनाज की दुकानों में अनाज एटीएम लगाकर उनकी उपयोगिता जाँची गई जिनका संचालन उन्हीं दुकानों के कर्मचारी करते थे. लेकिन ओडिशा में स्थापित यह अनाज एटीएम, पहली ऐसी प्रणाली है, जो न केवल चौबीसों घंटे खुली रहेगी, बल्कि स्वचालित होने के कारण इसके लिए कर्मचारियों की सेवा की ज़रूरत भी नहीं है.
अन्नपूर्ति नाम की इस मशीन की स्थापना के साथ ही, ओडिशा भारत का पहला ऐसा प्रदेश बन गया है, जहाँ लाभार्थियों को, सार्वजनिक वितरण प्रणाली तक चौबीसों घंटे पहुँच हासिल हुई है.
ओडिशा सरकार के खाद्य आपूर्ति, उपभोक्ता कल्याण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, कृष्ण चंद्र पात्रा ने यह अनाज एटीएम शुरू किए जाने के अवसर पर कहा, “यह मशीन प्रदेश में पोषण सुरक्षा हासिल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ साझेदारी में की गई, एक महत्वपूर्ण पहल है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थियों को सातों दिन व 24 घंटे खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए राज्य भर में इस तरह के और एटीएम स्थापित किए जाएँगे.”
सुलभ व आसान अन्न आपूर्ति
भारत विशाल खाद्य-आधारित सुरक्षा नैटवर्क वाला एक देश है, जिसके तहत देश के कोने-कोने में, उचित मूल्य की 5 लाख से अधिक दुकानें (Fair Price Shops) हैं. इस नैटवर्क के ज़रिए, हर महीने लगभग 81 करोड़ लोगों को सब्सिडी वाला अनाज प्रदान किया जाता है.
मौजूदा व्यवस्था के तहत, इन दुकानों के संचालक अनाज को तौलकर यानि उसका वज़न करके, ग्राहकों सौंपते हैं. इस प्रक्रिया में अनेक समस्याएँ हैं – प्राप्तकर्ताओं को घंटों लम्बी क़तारों में लगना पड़ता है, अनाज के बिखर जाने से, बर्बादी की उच्च सम्भावना होती है, और कई बार तो लोगों को उनके हिस्से की भोजन सहायता नहीं मिल पाती है.
इसके विपरीत, ‘अन्नपूर्ति अनाज एटीम’ से, सर्वजन को अनाज तक सुलभ व आसान पहुँच हासिल हो सकेगी: कोई भी व्यक्ति, जिसके पास सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन कार्ड हो, इस सुविधा का लाभ उठा सकता है, फिर चाहे वो किसी भी राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश से क्यों न आता हो.
इस मशीन से किसी भी समय, 5 मिनट के अन्दर, 50 किलोग्राम अनाज वितरित होता है, जिससे लोगों को लम्बी क़तारों में नहीं लगना पड़ेगा और इन्तेज़ार का समय 70 फ़ीसदी तक घट जाएगा.
एक बार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पूरा हो जाने पर, इससे लगातार सभी तरह का राशन हासिल किया जा सकता है. इसका मॉड्यूलर डिज़ाइन, आसानी से उपलब्ध जगह में फ़िट हो जाता है. साथ ही, ऊर्जा कुशल होने की वजह से, इसे दोबारा अपने-आप भरने के लिए सौर पैनलों से जोड़ा जा सकता है.
विस्तार की योजना
भारत में डब्ल्यूएफ़पी के उप देश निदेशक नोज़ोमी हाशिमोतो कहते हैं, “ओडिशा एक वैश्विक प्रासंगिकता की सफलता की कहानी प्रस्तुत कर रहा है. हम यह देखकर अभिभूत हैं कि भारत में निर्मित व वैश्विक स्तर पर पुरस्कृत यह समाधान, अन्नपूर्ति, कई प्रदेशों में चलाया जा रहा है. एक साल के परीक्षण के आधार पर, इसे अधिक कार्यसक्षम व सुविधाजनक बनाने के लिए अधिक विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.”
भारत में डब्ल्यूएफ़पी द्वारा विकसित ‘अन्नपूर्ति’ मशीन के पीछे की तकनीक, खाद्य सुरक्षा में सुधार और लोगों को कुशलतापूर्वक एवं सटीक तरीक़े से पूर्ण राशन उपलब्ध करवाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण क़दम है.