बड़ौदा के रहने वाले 26 साल के कॉमर्स ग्रेजुएट जुगल मेहता ने 2022 में एक बड़े सरकारी बैंक में प्रॉबेशनरी अफसर के पोस्ट के लिए अप्लाई किया था। लेकिन, उनका अप्लिकेशन उनके खराब क्रेडिट स्कोर की वजह से रिजेक्ट कर दिया गया। उन्होंने कुछ क्रेडिट कार्ड्स पेमेंट पर डिफॉल्ट किया था। यह सिर्फ मेहता का अकेला मामला नहीं है। कई युवाओं को इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा है। TeamLease Degree Apprenticeship के वाइस प्रेसिडेंट धृति प्रसन्ना महंता ने कहा कि सरकारी बैंकों के लिए एंप्लॉयीज का रिक्रूटमेंट करने वाले IBPS ने क्लर्क और प्रॉबेशनरी अफसर के पोस्ट के लिए अप्लाई करने के वास्ते कम से कम 650 क्रेडिट स्कोर की शर्त तय की है। उन्होंने बताया कि बैंक एंप्लॉयीज को सेंसेटिव फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन को हैंडल करना पड़ता है, जिससे फाइनेंशियल कंडक्ट के मामले में उनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होना जरूरी है।
प्राइवेट बैंक भी अब क्रेडिट स्कोर चेक करने लगे हैं
डिजिटल लेंडिंग कंस्लटेंस पारिजात गर्ग ने कहा कि सरकारी बैंकों के लिए कई प्राइवेट बैंकों में नौकरी शुरू करने के लिए भी क्रेडिट हिस्ट्री का अच्छा होना जरूरी है। इनमें सिटीबैंक, डोएचे बैंक जैसे विदेशी बैंक भी शामिल हैं। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर व्यक्ति के विश्वसनीय और भरोसेमंद होने का संकेत है। अब बैंक रिक्रूटमेंट के अपने एडवर्टाइजमेंट में अच्छे क्रेडिट स्कोर पर जोर देने लगे हैं। उदाहरण के लिए State Bank of India (SBI) ने मार्च 2020 में प्रॉबेशनरी अफसर के पोस्ट पर नियुक्ति के लिए ऐड दिया था। इसमें बताया गया था कि जिन लोगों ने किसी बैंक या एनबीएफसी के लोन की EMI पर डिफॉल्ट किया है, वे आवेदन नहीं कर सकेंगे।
क्रेडिट हिस्ट्री व्यक्ति से जुड़ी कई चीजें बताती है
NLB Services के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट निखिल आनंद ने कहा कि बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस सेक्टर (BFSI) में नौकरी करने के लिए क्रेडिट स्कोर की जांच आम बात हो गई है। उम्मीद है कि दूसरे सेक्टर में भी जल्द यह रिक्रूटमेंट की जरूरी शर्त बन सकता है। कंपनियां या बैंक क्रेडिट स्कोर से ज्यादा दिलचस्पी उम्मीदवार की क्रेडिट हिस्ट्री में दिखाती हैं। इसकी कई वजहें हैं। डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म Fibe के ह्यूमन रिसोर्सेज की हेड मोनिका मिश्रा ने कहा कि सबसे पहले तो यह कि किस व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री को देखने से उसके बारे में काफी कुछ पता चल जाता है।
650 से ज्यादा क्रेडिट स्कोर पर जॉब लगने की संभावना बढ़ जाती है
मिश्रा ने कहा कि इससे यह भी पता चलता है कि व्यक्ति फाइनेंशियल मामलों में कितना जिम्मेदार है। इससे ऑर्गेनाइजेशन में चोरी या फ्रॉड की संभावनाओं का अंदाजा लगाना आसान हो जाता है। 650 से ज्यादा क्रेडिट स्कोर से जॉब लगने की संभावना बढ़ जाती है। महंता ने बताया कि एम्प्लॉयर सीधे अप्लिकेंट का क्रेडिट स्कोर या हिस्ट्री की जांच नहीं कर सकता है। बैकग्राउंड वेरिफिकेशन के लिए अप्लिकेंट की सहमति एंप्लॉयर लेता है। उस दौरान वह क्रेडिट स्कोर की जांच के बारे में भी सहमित ले लेता है।