संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने देशभर के किसानों से बीजेपी और एनडीए के खिलाफ आंदोलन करने का आह्वान किया है। मोर्चा का कहना है कि सरकार ने 9 दिसंबर, 2021 को उसके साथ जो समझौता किया था, उसे जल्द से जल्द लागू किया जाए। इसके तहत प्रोक्योरमेंट की गारंटी के साथ C2+50% फॉर्मूले पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने,कर्जमाफी, बिजली के निजीकरण पर रोक और लखीमपुर हिंसा मामले में अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई आदि शामिल हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने पंजाब में 3 दिनों के लिए बीजेपी के सांसदों, विधायकों, मंत्रियों और जिला अध्यक्षों के घरों के सामने दिन और रात में विरोध-प्रदर्शन करने का फैसला किया है। किसान संगठन का कहना है कि आंदोलन 20 फरवरी को 10 बजे सुबह शुरू होगा और 22 फरवरी को शाम 5 बजे खत्म हो जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी स्वागत किया है।
मोर्चा की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘संयुक्त किसान मोर्चा मोदी सरकार द्वारा चुनावी बॉन्ड के जरिये भ्रष्टाचार को कानूनी अमलीजामा पहनाने और पार्टी फंड के नाम पर हजारों करोड़ रुपये इकट्ठा करने की निंदा करता है। इसके अलावा, मोर्चा चुनावी बॉन्ड को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी स्वागत करता है।’ गौरतलब है कि 2021 में किसानों के आंदोलन की अगुवाई करने वाले संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने 13 फरवरी को शुरू हुए ‘दिल्ली चलो’ अभियान में हिस्सा नहीं लिया था।
हालिया आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा से अलग हुए गुट संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने शुरू किया है और समझौते के लिए फिलहाल उसकी केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत हो रही है। किसानों की मांग के अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने कई अन्य मसलों पर बीजेपी को भी आलोचना की, मसलन लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित सरकारों को गिराना, भ्रष्टाचार को कानूनी अमलीजामा पहनाना, ईवीएम को लेकर शंकाएं आदि।