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बारूदी सुरंगों के दंश से सदैव के लिए मुक्ति दिलाने की पुकार

बारूदी सुरंगों के दंश से सदैव के लिए मुक्ति दिलाने की पुकार

हर वर्ष, 4 अप्रैल को ‘बारूदी सुरंगों के बारे में जागरूकता व कार्रवाई में सहायता के लिए अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ मनाया जाता है. इस वर्ष आयोजित कार्यक्रमों में हिंसक टकराव में फँसे विकलांगजन की ज़रूरतों और अधिकारों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है.

एक अनुमान के अनुसार, औसतन हर एक घंटे में कोई एक व्यक्ति किसी विस्फोटक सामग्री की चपेट में आने से हताहत होता है. इनमें बड़ी संख्या बच्चों की है.

बारूदी सुरंगों, विस्फोटक सामग्री और युद्ध के बाद बिखरे हुए आयुध अवशेषों से उन लाखों-करोड़ों लोगों के लिए ख़तरा उपजता है, जो दुनिया भर में सशस्त्र टकरावों में फँसे हुए हैं. 

अफ़ग़ानिस्तान से म्याँमार, सूडान से यूक्रेन और कोलम्बिया से ग़ाज़ा तक.

यूएन महासचिव ने अपने सन्देश में ध्यान दिलाया कि लड़ाई थमने के बाद भी, ये घातक विस्फोटक सामग्री कई दशकों तक स्थानीय समुदायों के लिए दूषण की वजह बन सकती हैं. 

इनसे महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के लिए जोखिम उत्पन्न होता है और महत्वपूर्ण मानवतावादी व विकास सहायता का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है.

लाखों बारूदी सुरंगें नष्ट की गई हैं और हज़ारों वर्ग किलोमीटर की भूमि को सुरक्षित बनाया गया है, मगर अभी भी लाखों सुरंगे बिछी हैं जोकि एक बड़ा ख़तरा हैं.

बारूदी सुरंग जागरूकता दिवस 2024 की थीम है: ज़िन्दगियों की रक्षा, शान्ति निर्माण.

यूएन प्रमुख के अनुसार, बारूदी सुरंग की चुनौती से निपटने में जुटे संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी साहस का परिचय देते हुए साझेदार संगठनों के साथ मिलकर, इन जानलेवा हथियारों के सफ़ाए के लिए प्रयासरत हैं.

वे यह सुनिश्चित करते हैं कि लोग अपने समुदायों में सुरक्षित ढंग से आवाजाही करने में सक्षम हों. साथ ही, जागरूकता प्रसार, शिक्षा व जोखिम मूल्यांकन के ज़रिये प्रभावित समुदायों और मानवीय सहायताकर्मियों को सुरक्षित रखने की कोशिश की जाती है.

कार्रवाई की दरकार

संयुक्त राष्ट्र बारूदी सुरंग कार्रवाई सेवा (UNMAS) अपने साझेदार संगठनों के साथ मिलकर इन घातक हथियारों को हटाने, राष्ट्रीय एजेंसियों को समर्थन देने, और घरों, स्कूलों, अस्पतालों व खेतों को सुरक्षित बनाने में जुटी है.

यूएन महासचिव ने कहा कि इस वर्ष की थीम हमें उन लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के दायित्व के प्रति ध्यान दिलाती है, जो विशेष रूप से ख़तरों का सामना कर रहे हैं. उदाहरणस्वरूप, विकलांगता की अवस्था में जीवन गुज़ार रहे लोग. 

इसके मद्देनज़र, यूएन महासचिव ने अपने सन्देश में सदस्य देशों से यूएन बारूदी सुरंग कार्रवाई रणनीति को समर्थन देने का आग्रह किया है.

साथ ही, उन्होंने क्लस्टर आयुध सामग्री, और चंद पारम्परिक हथियारों पर सन्धि पर मुहर लगाने और उसे पूर्ण रूप से लागू किए जाने का आग्रह किया. 

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 8 दिसम्बर 2005 को हर वर्ष 4 अप्रैल को बारूदी सुरंगों के बारे में जागरूकता व कार्रवाई में सहायता के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी.

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