यूएन कार्यालय टीम की इस यात्रा का उद्देश्य, हाल के दिनों में देश में हुई हिंसा व अशान्ति के सन्दर्भ में मानवाधिकार हनन व दुर्व्यवहार मामलों की जाँच प्रक्रिया का ख़ाका तैयार करना था.
बांग्लादेश में सरकारी रोज़गारों में आरक्षण कोटा निर्धारित किए जाने के विरोध में, जुलाई में विश्वविद्यालय परिसरों में प्रदर्शन भड़क उठे थे जिन्होंने कुछ ही सप्ताहों में राष्ट्रव्यापी रूप ले लिया था.
प्रदर्शनों के दौरान सरकारी बलों पर दमनात्मक बल प्रयोग के आरोप लगे. इन विरोध प्रदर्शनो में 400 से अधिक लोग मारे गए थे व हज़ारों अन्य लोग घायल हुए थे.
इन हालात में, तत्कालीन सरकार की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को 5 अगस्त को इस्तीफ़ा देना पड़ा था और अशान्ति के बीच उन्हें देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी.
इसके बाद, एक अन्तरिम सरकार का गठन हुआ, जिसका मुख्य सलाहकार, देश के नोबेल पुरस्कार अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस को बनाया गया.
मुख्य सलाहकार युनूस की ओर से, मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क को एक आधिकारिक निमंत्रण दिया गया है, जिसमें 1 जुलाई से 15 अगस्त तक मानवाधिकार उल्लंघन मामलों की पड़ताल के लिए एक निष्पक्ष व स्वतंत्र तथ्य-खोजी मिशन का आग्रह किया गया है.
इसी सिलसिले में, यूएन मानवाधिकार कार्यालय की एक टीम ने 22-29 अगस्त तक बांग्लादेश की यात्रा की और छात्र नेताओं, अन्तरिम सरकार के प्रतिनिधियों, मुख्य न्यायाधीश, पुलिस व सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों, वकीलों, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, और राजनैतिक दलों, अल्पसंख्यक व आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों से बातचीत की.
हनन मामलों की जाँच के प्रयास
मानवाधिकार उल्लंघन मामलों की जाँच की तैयारी के साथ-साथ, नागरिक समाज के लिए स्थान, सच्चाई, न्याय, मुआवज़े और आपसी मेलमिलाप की आवश्यकता पर भी चर्चा हुई है.
बताया गया है कि आने वाले दिनों में, यूएन कार्यालय की ओर से बांग्लादेश में एक तथ्य-खोजी टीम को तैनात किया जाएगा, जिसका दायित्व प्रदर्शनों के दौरान हुए हनन व दुर्व्यवहार मामलों पर जानकारी जुटाना, बुनियादी कारणों का विश्लेषण करना और न्याय व जवाबदेही के लिए सिफ़ारिश प्रस्तुत करना होगा.
देश की अन्तरिम सरकार और सुरक्षा बलों ने इस कार्य में हरसम्भव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है.
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने जबरन गुमशुदगी मामलों से सभी व्यक्तियों की रक्षा पर अन्तरराष्ट्रीय सन्धि का हिस्सा बनने पर बांग्लादेश की सराहना की है. देश में क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा जबरन लापता हुए व्यक्तियों के बारे में सूचना जुटाने के लिए एक पाँच सदस्यीय राष्ट्रीय जाँच आयोग को स्थापित किया गया है.
यूएन कार्यालय ने भरोसा दिलाया है कि बांग्लादेश में लोकतंत्र में फिर से नई ऊर्जा भरने, जवाबदेही व आपसी मेलमिलाप को प्रोत्साहन देने और सभी नागरिकों के मानवाधिकारों को मज़बूती प्रदान करने में देश की अन्तरिम सरकार को हरसम्भव सहयोग प्रदान किया जाएगा.