फाइनेंस मिनिस्ट्री को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था आसानी से 6.5 पर्सेंट ग्रोथ का आंकड़ा पार कर लेगी। जुलाई-सितंबर तिमाही के शानदार जीडीपी आंकड़ों के बाद मिनिस्ट्री का यह भरोसा और मजबूत हुआ है। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने मौजूदा वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट 6.5 पर्सेंट रहने का अनुमान जताया था। फाइनेंस मिनिस्ट्री की 29 दिसंबर को जारी छमाही आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ग्रोथ और स्टैबिलिटी के लिए जोखिम मुख्य तौर पर देश से बाहर के फैक्टर्स से हो सकता है। इसके बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था के 2023-24 में आसानी से 6.5 पर्सेंट की ग्रोथ हासिल कर लेने का अनुमान है।’
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा 30 नवंबर को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई-सितंबर में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.6 पर्सेंट थी, जो अर्थशास्त्रियों के अनुमानों (6.8 पर्सेंट) से काफी ज्यादा है। यह डेटा आने के बाद रिजर्व बैंक (RBI) ने 2023-24 के लिए ग्रोथ का अनुमान 0.50 पर्सेंट बढ़ाकर 7 पर्सेंट कर दिया था।
फाइनेंस मिनिस्ट्री भी रिजर्व बैंक के इस अनुमान के आधार पर अपना आकलन पेश करने की तैयारी में थी। सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने 30 नवंबर को ही संकेत दिए थे कि आगामी आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में संशोधित अनुमान पेश किया जा सकता है। बहरहाल, समीक्षा में सरकार ने नए आंकड़ों का हवाला दिए बगैर सिर्फ इतना कहा है कि ग्रोथ आसानी से मिनिस्ट्री के अनुमानों को पार कर जाएगी।
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने अपनी छमाही आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अक्टूबर और नवंबर के आंकड़ों से संकेत मिल रहे हैं कि 2023-24 की तीसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियां तेज रही हैं और यह सिलसिला चौथा तिमाही में भी जारी रह सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘शहरी खपत की वजह से कंजम्प्शन ग्रोथ को बढ़ावा मिल रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी मांग में तेजी देखने को मिल रही है। ये सारे रुझान आने वाले महीनों में मांग बनी रहने का संकेत दे रहे हैं।’