प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के लगभग हर जिले के करीब 250 वंचित छात्रों से बातचीत की, जो ‘वतन को जानो-यूथ एक्सचेंज’ प्रोग्राम के तहत देश का दौरा कर रहे हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री के आवास पर आयोजित यह संवाद कार्यक्रम अनौपचारिक था। ये छात्र केंद्र सरकार के कार्यक्रम के तहत जयपुर, अजमेर और नई दिल्ली का दौरा कर रहे हैं।
बयान में कहा गया है कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना में इस यात्रा का मकसद जम्मू-कश्मीर के युवाओं को देश की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता से रूबरू कराना है। प्रधानमंत्री ने छात्रों से उनके यात्रा अनुभव और उनकी तरफ से देखे गए चर्चित जगहों के बारे में पूछा और उनके साथ जम्मू-कश्मीर की समृद्ध खेल संस्कृति पर चर्चा की।
बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने छात्रों से खेलों में उनकी भागीदारी के बारे में जानना चाहा और जम्मू-कश्मीर की युवा तीरंदाज शीतल देवी का उदाहरण दिया, जिन्होंने हांगझू में एशियाई पैरा खेलों में तीन पदक जीते थे।
मोदी ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं की प्रतिभा की भी सराहना की और कहा कि उनमें किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने की क्षमता है। बयान में कहा गया है कि उन्होंने छात्रों को देश के विकास के लिए काम करने और योगदान देने और 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने में मदद करने की सलाह दी।
जम्मू-कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के निर्माण के बारे में मोदी ने कहा कि इससे क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार होगा। चंद्रयान-3 (chandrayaan-3) और आदित्य-एल1 मिशन (Aditya L1 Mission) की सफलता पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन वैज्ञानिक उपलब्धियों ने हर भारतीय को गौरवान्वित किया है।
इस साल जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटकों के आने के बारे में मोदी ने कहा कि वहां पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने छात्रों को रोजाना योग करने के लिए प्रोत्साहित किया। देश में स्वच्छता अभियान, कश्मीर में G20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन पर भी चर्चा की गई।