पर्यावरण

पृथ्वी के साथ इनसानी बर्ताव, ‘दुनिया की पर्यावरण संसद’ में साहसिक कार्य योजनाएँ

पृथ्वी के साथ इनसानी बर्ताव, ‘दुनिया की पर्यावरण संसद’ में साहसिक कार्य योजनाएँ

केनया की राजधानी नैरोबी में, शुक्रवार को सम्पन्न हुई संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा के 6वें संस्करण ने, एक मंत्रिस्तरीय घोषणा पर सहमति व्यक्त की है जिसमें, 17 संकल्प और निर्णय शामिल हैं. 

इनका उद्देश्य मानव जाति के, प्रकृति के साथ बर्ताव के तरीक़े को फिर से परिभाषित करना था.

यूएनईए-6 में, 182 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के 7 हज़ार से अधिक प्रतिनिधियों और 170 से अधिक मंत्रियों ने शिरकत की.

प्रतिभागियों ने, टिकाऊ जीवन शैली को बढ़ावा देने से लेकर, रसायनों और अपशिष्ट और रेत व धूल भरी आंधियों के सक्षम प्रबन्धन के बारे में, कार्य योजनाओं का एक पैकेज अपनाया है.

अत्यधिक खपत पर लगाम लगाने और स्थिरता की दिशा में बेहतर, हरित क़दम उठाने के लिए तत्काल क़दम उठाए जाने का भी आहवान किया गया है.

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की कार्यकारी निदेशक इंगेर ऐंडरसन ने शुक्रवार को समापन सत्र में कहा, “दुनिया को कार्रवाई, गति और वास्तविक, स्थाई परिवर्तन की आवश्यकता है.”

उन्होंने कहा कि इस सभा में पारित मंत्रिस्तरीय घोषणा ने, जलवायु परिवर्तन को धीमा करने, प्रकृति और भूमि को बहाल करने और प्रदूषण मुक्त दुनिया बनाने के अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के मज़बूत इरादे की पुष्टि की.

उन्होंने कहा कि इस सभा में, नागरिक समाज, स्वदेशी लोगों, अन्तरराष्ट्रीय संगठनों, वैज्ञानिकों और निजी क्षेत्र की व्यापक भागेदारी के साथ एक सच्चा बहुपक्षवाद नज़र आया है.

इंगेर ऐंडरसन ने कहा, “यूएनईए-6 ने इस बदलाव में हमारी मदद करने के लिए और पृथ्यीव पर प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए, अतिरिक्त हौसला बढ़ाया है.”

तिहरे पृथ्वी संकट के बीच आशा की किरण

संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने कहा है किऐसे समय में जब दुनिया प्रदूषण, जैव विविधता हानि और जलवायु परिवर्तन के तिहरे ग्रहीय संकट का सामना कर रही है, कार्रवाई तेज़ और ठोस होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि UNEA-6 में मज़बूत चर्चा और परिणाम दुनिया के साझा लक्ष्यों को गति देंगे, जिनमें अफ़्रीकी संघ के एजेंडा 2063 और सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा व इसके 17 लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयास शामिल हैं.

संयुक्त राष्ट्र की उप प्रमुख ने एक वीडियो सन्देश में कहा कि प्रकृति के संसाधनों को ख़त्म करने का जोखिम उठाने के अत्यन्त गम्भीर परिणाम होंगे. “आज हम जो निर्णय लेंगे वही कल हमारे भाग्य को आकार देंगे.”

मानव गतिविधियों से पृथ्वी को होने वाली हानि के बारे में, डिजिटल और वर्चुअल तकनीक, प्रभावशाली जागरूकता बढ़ाने में मदद कर रही है.

ONU News/Natalia Jidovanu

पर्यावरण सम्बन्धी निर्णय कर्ता

“पर्यावरण पर विश्व संसद” के रूप में जानी जाने वाली UNEA-6, वर्ष 2012 में अपनी स्थापना के बाद से, इस क्षेत्र में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था बन गई है. 

लक्ष्य सरल है: मनुष्यों और प्रकृति के बीच सदभाव को बहाल करने में मदद करना. विस्तृत जानकारी यहाँ पढ़ें.

UNEA-6 के पाँच दिवसीय सम्मेलन के दौरान, प्रतिनिधियों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता – AI के उपयोग से लेकर, सौर इंजीनियरिंग तकनीकों तक, हर चीज़ पर बहस की.

अपनाए गए प्रस्तावों में से एक प्रस्ताव ने इस बारे में रास्ता दिखाया कि दुनिया, टकरावों के दौरान और उसके बाद के समय में, पर्यावरण की रक्षा पर, किस तरह बेहतर काम कर सकती है. एक अन्य प्रस्ताव ने मरुस्थलीकरण से निपटने के सर्वोत्तम तरीक़े पर चर्चा की.

खाइयों को पाटना

यूएनईए-6 में शुक्रवार को जारी यूएनईपी रिपोर्ट में बताया गया है कि धनी देश, कम आय वाले देशों की तुलना में, छह गुना अधिक संसाधनों का उपयोग करते हैं और जलवायु पर 10 गुना अधिक प्रभाव डालते हैं.

2024 के वैश्विक संसाधन परिदृश्य में, साक्ष्य-आधारित निष्कर्षों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने, जन-कल्याण में सुधार करने और पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने के साथ-साथ, सभी स्तरों पर, धनी व निर्धन के बीच की खाई को कम करने के लिए, व्यापक नीतिगत बदलावों का आहवान किया गया है.

यूएनईपी प्रमुख इंगेर ऐंडरसन ने रिपोर्ट जारी करने से पहले कहा जलवायु परिवर्तन, प्रकृति हानि और प्रदूषण का तिहरा संकट, अस्थिर उपभोग और उत्पादन के संकट से प्रेरित है. “हमें प्रकृति का केवल दोहन करने के बजाय, उसके साथ मिलकर काम करना चाहिए.”

पृथ्वी की लूट-खसोट

दरअसल, रिपोर्ट दिखाया गया है कि वर्ष 2060 तक, प्राकृतिक संसाधनों के दोहन में, 60 प्रतिशत की वृद्धि होने के अनुमान हैं. अगर ऐसा हुआ तो, न केवल वैश्विक जलवायु, जैव विविधता और प्रदूषण लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयास पटरी से उतर सकते हैं, बल्कि आर्थिक समृद्धि और मानव कल्याण भी प्रभावित हो सकते हैं.

इंगेर ऐंडरसन ने कहा, “सचलता, आवास, भोजन और ऊर्जा प्रणालियों की संसाधन तीव्रता को कम करना ही, एकमात्र ऐसा तरीक़ा है जिससे हम टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त कर सकते हैं और अन्ततः सभी के लिए एक न्यायसंगत व रहने योग्य ग्रह बना सकते हैं.”

UNEA-6 के नतीजे, सितम्बर में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित होने वाले ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ सहित, स्थिरता की दिशा में अन्य समान विचारधारा वाले सहयोगी वैश्विक प्रयासों में योगदान करेंगे.

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