यूएन कार्यालय ने पाकिस्तान सरकार से इस घटना के दोषियों की जवाबदेही तय करने और जातीय अल्पसंख्यकों की पीड़ा को सम्वाद के ज़रिये सुलझाने की अपील की है.
पिछले शुक्रवार को दूकी ज़िले में बन्दूकधारियों द्वारा किए गए इस हमले में रॉकेट लॉन्चर और हैंड ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया गया, जिसमें 20 की मौत हो गई और सात अन्य श्रमिक घायल हुए थे.
यूएन मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता थमीन अल-ख़ीतन के अनुसार, पिछले दो महीनों में ऐसे कई हमले हो चुके हैं, जिनका मक़सद बलूचिस्तान प्रान्त में जातीय तनाव व असुरक्षा को हवा देना है.
उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों के तहत पाकिस्तान की यह ज़िम्मेदारी है कि इन हमलों के दोषियों की जवाबदेही तय की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जाए.
मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने पाकिस्तान में आतंकवाद-निरोधक क़ानून के तहत पश्तून तहफ़्फ़ुज़ मूवमेंट नामक संगठन पर प्रतिबन्ध लगाए जाने के निर्णय पर चिन्ता जताई है.
यह संगठन, पाकिस्तान में पश्तून समुदाय से जुड़ी चिन्ताओं पर सक्रिय रहा है.
यूएन कार्यालय ने ज़ोर देकर कहा कि इस संगठन पर पाबन्दी थोपने के निर्णय की तत्काल समीक्षा की जानी होगी, ताकि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अनुरूप, अभिव्यक्ति की आज़ादी सुनिश्चित की जा सके और मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई हो.
उन्होंने पाकिस्तान प्रशासन से आग्रह किया है कि देश में जातीय अल्पसंख्यकों द्वारा व्यक्त की गई मुश्किलों व पीड़ा को राजनैतिक सम्वाद के ज़रिये सुलझाना होगा.
साथ ही, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की रक्षा की जानी होगी और आम जनता के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व शान्तिरूप से सभा करने के अधिकार का सम्मान किया जाना होगा.