प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रभारी निदेशक राहुल नवीन (ED Director Rahul Navin) आज (9 जनवरी) कथित सार्वजनिक वितरण और धान खरीद घोटाले की जांच की समीक्षा करेंगे। पश्चिम बंगाल में ED की टीम पर हमलों की पृष्ठभूमि में स्थानीय ऑफिस की सुरक्षा चिंताओं पर भी चर्चा करेंगे। अधिकारियों के साथ बैठक के लिए मंगलवार दोपहर से ठीक पहले नवीन सॉल्ट लेक इलाके में सीजीओ परिसर स्थित एजेंसी के कार्यालय गए। निदेशक को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के सशस्त्र बल की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है।
जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि ED प्रमुख हमले के संबंध में एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे। अन्य जांच के सिलसिले में प्रगति पर भी चर्चा होगी। सूत्रों ने बताया कि मध्य रात्रि को यहां पहुंचे ईडी प्रमुख के मंगलवार को एजेंसी के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ घायल अधिकारियों से भी मिलने की उम्मीद है। उनके कोलकाता में राजभवन में राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस से भी मुलाकात करने की संभावना है।
ED टीम पर बंगाल में हमला (ED team attacked in West Bengal)
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता शाहजहां शेख के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली स्थित परिसरों पर छापेमारी के लिए 5 जनवरी को पहुंची ED की टीम पर हुए हमले में उसके तीन अधिकारी घायल हो गए थे। साथ ही अधिकारियों के मोबाइल, लैपटॉप और बटुए लूट लिए गए थे। शेख फिलहाल फरार हैं और ईडी ने उनके खिलाफ लुक-आउट सर्कुलर (एलसी) जारी किया है। शेख को देश से बाहर जाने से रोकने के लिए सभी जमीनी, वायु और समुद्री बंदरगाहों को अलर्ट कर दिया गया है।
5 जनवरी को ही उक्त जिले के बनगांव में एक अन्य तृणमूल कांग्रेस नेता शंकर आद्या की गिरफ्तारी के दौरान एजेंसी की एक और टीम पर हमला किया गया और उनका वाहन क्षतिग्रस्त कर दिया गया। ED ने प्रेस में दिए बयान में दावा किया कि यह बहुत बड़ा घोटाला है। एक संदिग्ध द्वारा ट्रांसफर की गई अपराध की राशि 9,000-10,000 करोड़ रुपये थी, जिसमें से 2,000 करोड़ रुपये या तो सीधे सीधे दुबई या फिर बांग्लादेश के जरिए ट्रांसफर किए जाने का संदेह है।
ED ने इस मामले की जांच में पिछले साल पश्चिम बंगाल के मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता ज्योतिप्रिय मलिक और उनके सहयोगी बाकिबुर रहमान को गिरफ्तार किया था। जबकि आद्या को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया गया था। मलिक, रहमान और एक कंपनी NPG राइस मिल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप पत्र एजेंसी ने पिछले साल दिसंबर में कोलकाता की एक अदालत में दायर किया था।
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