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निर्णायक कार्रवाई व मज़बूत संकल्प के आहवान के साथ, भविष्य-सम्मेलन का समापन

निर्णायक कार्रवाई व मज़बूत संकल्प के आहवान के साथ, भविष्य-सम्मेलन का समापन

यूएन महासभा के 79वें सत्र के प्रमुख फ़िलेमॉन यैंग ने अपने समापन सम्बोधन में कहा कि शिखर सम्मेलन के निष्कर्षों को मज़बूत कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ाना होगा और निर्धनता, भूख, और हिंसक टकराव में फँसे आम नागरिकों की पीड़ा को दूर करना होगा.

इस सम्मेलन के पहले दिन रविवार को ‘भविष्य के लिए सहमति-पत्र’, ‘वैश्विक डिजिटल कॉम्पैक्ट’ और ‘भावी पीढ़ियों के लिए घोषणापत्र’ को सर्वसम्मति से पारित किया गया, जिसकी महासभा अध्यक्ष ने सराहना की है.

इसमें पाँच मुख्य क्षेत्रों को उजागर किया गया है: टिकाऊ विकास, अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, युवजन व भावी पीढ़ियाँ और वैश्विक प्रशासन में रूपान्तरकारी बदलाव.

महासभा प्रमुख ने सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को ध्यान दिलाया कि इनमें उन संकल्पों का खाका पेश किया गया है, जिनसे टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने में तेज़ी लाई जा सकती है.

अहम मुद्दों पर सम्वाद

दो-दिवसीय सत्र के दौरान, सरकार प्रमुखों, शीर्ष यूएन अधिकारियों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने अन्य सिलसिलेवार बैठकों व आयोजनों में शिरकत की, जिनमें वैश्विक मुद्दों व प्रतिबद्धताओं पर चर्चा हुई.

इन सत्रों के दौरान बहुपक्षीय विकास बैन्कों समेत अन्तरसरकारी संगठनों में पुरानी हो चुकी व्यवस्था को बदलने, सुरक्षा परिषद में सुधार लाने, कृत्रिम बुद्धिमता की सम्भावनाओं को पूरा करने और निर्धनता व विषमता के उन्मूलन के लिए प्रयासों को मज़बूती देने पर बातचीत हुई.

भविष्य-सम्मेलन के दूसरे दिन, विश्व नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से भावी पीढ़ियों की बेहतरी के लिए मौजूदा व्यवस्था में सुधार करने और उसके लिए अपने सुझावों व दृष्टि को प्रस्तुत किया.

वैश्विक संस्थाओं में सुधार ज़रूरी

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम जब वैश्विक भविष्य की बात करें तो सबसे पहले मानव केन्द्रित दृष्टिकोण को अपनाया जाना चाहिए. टिकाऊ विकास को प्राथमिकता देते हुए, हमें मानव कल्याण, भोजन, स्वास्थ्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना होगा.

“भारत में 25 करोड़ लोगों को ग़रीबी से बाहर निकाल कर हमने यह दिखाया है कि टिकाऊ विकास, सफल हो सकता है.”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सफलता का हमारा यह अनुभव, हम ग्लोबल साउथ (वैश्विक दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित देश) के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वैश्विक शान्ति व विकास के लिए, वैश्विक संस्थाओं में सुधार होना आवश्यक है, और ये उनकी प्रासंगिकता के लिए भी ज़रूरी है.

“अफ़्रीकी संघ को नई दिल्ली समिट में जी20 की स्थाई सदस्यता, इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था.

महत्वाकाँक्षा के अनुरूप कार्रवाई

भारतीय प्रधानमंत्री ने वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए, आतंकवाद एक बड़ा ख़तरा है मगर, साइबर चुनौतियाँ उभर रही हैं, और समुद्री मार्ग और अन्तरिक्ष में जोखिम जैसे अनेक संघर्ष के नए मैदान भी बन रहे हैं.

इसके मद्देनज़र, उन्होंने कहा कि वैश्विक महत्वाकाँक्षा के अनुरूप वैश्विक कार्रवाई को साकार करना होगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने टैक्नॉलॉजी के सुरक्षित व ज़िम्मेदार इस्तेमाल के लिए सन्तुलित नियामन पर बल दिया और ऐसी वैश्विक डिजिटल संचालन व्यवस्था की पैरवी की, जिससे राष्ट्रीय सम्प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रहे.

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