यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने विश्व भर में अफ़्रीकी मूल के व्यक्तियों की उपलब्धियों व योगदान के प्रति आभार प्रकट किया.
उन्होंने इस फ़ोरम को अपने वीडियो सन्देश के ज़रिये सम्बोधित करते हुए कहा कि मौजूदा दौर में भी काले व्यक्तियों को नस्लीय भेदभाव व असमानताओं से जूझना पड़ रहा है.
महासचिव गटेरेश के अनुसार, स्थाई फ़ोरम की स्थापना इन अन्यायों से निपटने के लिए अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के संकल्प को दर्शाती है.
इसके बावजूद, अफ़्रीकी मूल के व्यक्तियों के लिए हालात में अर्थपूर्ण बदलाव हेतु और अधिक समर्थन की दरकार है.
इसके मद्देनज़र, उन्होंने अफ़्रीकी मूल के व्यक्तियों के मानवाधिकारों को पूर्ण रूप से सुनिश्चित किए जाने, नस्लवाद और भेदभाव के उन्मूलन के लिए प्रयासों में तेज़ी लाने और समाज में समान नागरिक के तौर पर अफ़्रीकी मूल के व्यक्तियों की भागीदारी पर बल दिया है.
साझा संकल्प
मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की उपप्रमुख नाडा अल-नशीफ़ ने कहा कि इस स्थाई फ़ोरम की बेहतरीन संयोजन क्षमता है और कामकाज शुरू होने के दो साल के भीतर यह तीसरा सत्र बुलाया गया है.
स्थाई फ़ोरम के सत्र के दौरान जलवायु न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य, अफ़्रीकी मूल के व्यक्तियों से जुड़े अन्य मुद्दों पर क़रीब 70 आयोजन होंगे. नाडा अल-नशीफ़ के अनुसार यह हमारे साझा संकल्प के असर, पहुँच व असाधारण प्रयास को रेखांकित करता है.
उन्होंने सदस्य देशों से इन चर्चाओं में हिस्सा लेने और उसकी अनुशन्साओं पर अमल करने का आग्रह किया. यूएन की वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इसके ज़रिये ही अफ़्रीकी मूल के व्यक्तियों के लिए सभी नागरिक, राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक अधिकारों को बिना किसी भेदभाव व पूर्वाग्रह के साकार किया जा सकता है.
दूसरा अन्तरराष्ट्रीय दशक
उप उच्चायुक्त ने बताया कि मानवाधिकार मामलों के प्रमुख वोल्कर टर्क ने, अफ़्रीकी मूल के व्यक्तियों के लिए अन्तरराष्ट्रीय दशक का विस्तार करने को अपना समर्थन दिया है.
वर्ष 2015 में यूएन महासभा ने न्याय, पहचान और विकास पर ध्यान केन्द्रित करने के इरादे से यह दशक मनाए जाने की घोषणा की थी.
नाडा अल-नशीफ़ ने बताया कि इस फ़ोरम के दौरान, दूसरे अन्तरराष्ट्रीय दशक के अनुरोध, उसकी आशाओं व सम्भावित उपलब्धियों पर चर्चा होगी.
स्थाई फ़ोरम की सभी रिपोर्ट को सितम्बर महीने में यूएन मानवाधिकार परिषद के 57वें सत्र और यूएन महासभा के सत्र में पेश किया जाएगा.