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दक्षिणी ग़ाज़ा में भी 1.6 लाख बच्चे, पोलियो वैक्सीन से लाभान्वित

फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA ने शुक्रवार को बताया है कि यूएन एजेंसियाँ और साझीदार संगठन, उस इलाक़े में अधिक से अधिक बच्चों को, मानवीय युद्ध ठहराव जारी रहने तक, पोलियो निरोधक वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाने का अभियान जारी रखेंगे. उसके बाद युद्ध से तबाह उत्तरी इलाक़े का रुख़ किया जाएगा.

UNRWA ने बताया है कि हज़ारों परिवारों ने, यूएन चिकित्सा टीमों से अपने बच्चों को पोलियो वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाने के लिए, स्वास्थ्य केन्द्रों का दौरा किया है.

दक्षिणी ग़ाज़ा में ख़ान यूनिस शहर में, डेढ़ लाख से अधिक बच्चों को, पोलियो से बचाने वाली वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाई गई हैं. 

इनमें से, लगभग 8 हज़ार 800 बच्चे रफ़ाह में और एक हज़ार बच्चे, दक्षिणी ग़ाज़ा के अन्यत्र इलाक़ों में लाभान्वित हुए हैं.

इससे पहले, पोलियो वैक्सीन अभियान का पहला चरण, इस सप्ताह के आरम्भ में, मध्य ग़ाज़ा में सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है. 

इसमें 10 वर्ष से कम उम्र के एक लाख 87 हज़ार से अधिक बच्चों को, पोलियो से बचाने वाली वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाई गईं.

अभी तक ग़ाज़ा के केन्द्रीय और दक्षिणी इलाक़ों में, पोलियो से बचाने वाली वैक्सीन की ख़ुराकें हासिल करने वाले बच्चों की संख्या तीन लाख 54 हज़ार 786 है.

दक्षिणी ग़ाज़ा में 3.4 लाख का लक्ष्य

कुल मिलाकर, सहायता टीमों ने शनिवार तक, दक्षिणी ग़ाज़ा में तीन लाख 40 हज़ार बच्चों को, पोलियो वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाने का लक्ष्य रखा है, जो स्कूलों, स्वास्थ्य केन्द्रों में या परिवारों के घरों पर जाकर पिलाई जाएंगी.

उत्तरी ग़ाज़ा में तीसरा और अन्तिम चरण, सोमवार 9 सितम्बर को शुरू होगा जो तीन दिन तक चलेगा. उस चरण , लगभग डेढ़ लाख बच्चों को, पोलियो से बचाने वाली वैक्सीन की ख़ुराकें पिलाई जाएंगी. उसके चार सप्ताहों बाद, ये पूरा अभियान दोहराया जाएगा.

इस पूरे अभियान के दौरान, लगभग 6 लाख 40 हज़ार बच्चों को, पोलियो से बचाने वाली वैक्सीन की दो ख़ुराकें पिलाई जाएंगी.

ग़ाज़ा में अन्तरराष्ट्रीय मीडिया पर प्रतिबन्ध

इसराइल के दक्षिणी इलाक़ों में 7 अक्टूबर (2023) को हमास के नेतृत्व में हुए आतंकवादी हमलों के बाद, ग़ाज़ा में इसराइल के भीषण हमलों को 11 महीने पूरे हो चुके हैं. 

इस दौरान इसराइली अधिकारियों ने अब भी, ग़ाज़ा में अन्तरराष्ट्रीय मीडिया टीमों के दाख़िल होने पर पाबन्दी लगा रखी है.

UNRWA के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने कहा है, “अन्तरराष्ट्रीय पत्रकारों के लिए, टकरावों और युद्धों की रिपोर्टिंग करना एक सामान्य बात है.”

उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय मीडिया से, ग़ाज़ा पट्टी में दाख़िल होने और स्वतंत्र रिपोर्टिंग के लिए और अधिक प्रयास करने का आग्रह भी किया है.

उन्होंने कहा है, “मैं फ़लस्तीनी पत्रकारों की सराहना करता हूँ. उन्होंने अनेक पत्रकारों की मौत के बावजूद, मशाल को बुलन्द रखा है. उन्हें अपने सहयोगियों के समर्थन की ज़रूरत है.”

पश्चिमी तट में हिंसा को रोका जाना होगा, वैनेसलैंड

ग़ाज़ा में विनाशकारी युद्ध जारी रहने के बीच, अन्य क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र पश्चिमी तट में भी घातक झड़पों में, जेनिन और तुलकरेम में दो फ़लस्तीनी बच्चों की मौत हो गई है. मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष प्रतिनिधि टोर वैनेसलैंड ने, इस हिंसा की निन्दा की है.

उन्होंने गुरूवार को सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है, “मैं जेनिन और तुलकरेम में पिछले दो दिनों के दौरान, इसराइली बलों के सैन्य अभियानों में दो बच्चों की त्रासद मौत पर हतप्रभ हूँ.”

“मैं इन घटनाओं की तत्काल और सम्पूर्ण जाँच का आग्रह करता हूँ, जिसमें तमाम आम लोगों का संरक्षण सुनिश्चित किए जाने की आपात ज़रूरत को रेखांकित किया जाए. हर बच्चे का जीवन बेशक़ीमती है, और इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौतें होना, ये स्याह अनुस्मारक है कि हिंसा को रोके जाने के लिए अभी निर्णायक कार्रवाई की जाए.”

UNRWA ने भी इसी सन्देश को दोहराते हुए बताया है कि पश्चिमी तट में हिंसा व तबाही बहुत तेज़ी से बढ़ रही है, जोकि अस्वीकार्य है और इसे तुरन्त रोका जाना होगा.

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