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तिमोर-लेस्ते में जनमत संग्रह की 25वीं वर्षगाँठ पर, भविष्य के लिए समर्थन का भरोसा

तिमोर-लेस्ते के राष्ट्रपति खोसे रामोस-होरता और प्रधानमंत्री ज़नाना गुसमाओ ने हवाई अड्डे पर पूर्ण सैन्य सम्मान व संगीतमय प्रस्तुति के साथ यूएन प्रमुख की आगवानी की.

राजधानी डिली की सड़कों पर हज़ारों लोग अपने हाथों में यूएन व तिमोर-लेस्ते के ध्वज थामे एकत्र हुए थे और उन्होंने महासचिव गुटेरेश का अभिवादन किया.

यूएन प्रमुख ने राष्ट्रपति निवास पर अपने सम्बोधन में कहा कि उनकी यात्रा, एकजुटता का प्रतीक है.

“संयुक्त राष्ट्र और तिमोरिज़ जनता एक ऐसे समय में एक दूसरे के साथ खड़े हुए जब देश ने अपने भाग्य को आकार देने का दायित्व अपने हाथों में ले लिया था. संयुक्त राष्ट्र आगे भी इस यात्रा में तिमोरिज़ जनता की आकाँक्षाओं का समर्थन करना जारी रखेगा.”

महासचिव गुटरेश ने एक प्रैस वार्ता में कहा कि आगामी भविष्य की शिखर बैठक के दौरान, तिमोर-लेस्ते भी अपनी आवाज़ बुलन्द करेगा और दुनिया को उससे बहुत कुछ सीखना है. यह बैठक यूएन मुख्यालय में इस वर्ष सितम्बर में होनी है.

अहम पड़ाव

महासचिव ने यूएन द्वारा आयोजित उस महत्वपूर्ण विचार-विमर्श सत्र को याद किया, जिससे देश की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त हुआ था. उन्होंने कहा कि आज का यह ऐतिहासिक पड़ाव, एकता व हमारे सामूहिक अतीत का जश्न मनाने का अवसर है.

उन्होंने कहा कि तिमोर-लेस्ते एक उदाहरण है कि किस तरह से एक देश शान्तिपूर्ण ढंग से विकास हासिल कर सकता है, जबकि उसका जन्म 2002 में एक सशस्त्र संघर्ष से हुआ था. साथ ही, यह देश अपने पड़ोसियों के साथ समरसतापूर्ण ढंग से रह रहा है.

महासचिव ने एक ठोस लोकतंत्र के रूप में देश की सराहना की, जोकि मानवाधिकारों व बुनियादी स्वतंत्रताओं के सम्मान के लिए समर्पित है.

समर्थन का इतिहास

संयुक्त राष्ट्र ने तिमोर-लेस्ते की स्वतंत्रता से पहले और उसके पश्चात एक अहम भूमिका निभाई है. इनमें वर्ष 1992 में एक संक्रमणकालीन प्रशासनिक व्यवस्था की तैनाती भी है, जब इसे पूर्वी तिमोर के रूप में जाना जाता था.

साथ ही, देश को स्व-शासन के लिए भी तैयार किया गया, और इसका अवसर 10 वर्ष बाद आया जब पूर्व शासकों, इंडोनेशिया व पुर्तगाल के बीच समझौतों के बाद, पूर्वी तिमोर में जनमत संग्रह आयोजित कराने का निर्णय लिया गया.

एक स्वतंत्र देश के रूप में, तिमोर-लेस्ते संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ और फिर वहाँ विकास के लिए एक नया मिशन सृजित किया गया.

तिमोर-लेस्ते को 20 से अधिक यूएन एजेंसियाँ समर्थन व सहायता प्रदान कर रही हैं, और नीतिगत विकास व पैरोकारी भूमिका में संगठन सभी स्तरों पर अपनी भूमिका निभा रहा है.

यूएन प्रमुख ने कहा कि तिमोर-लेस्ते ने स्वतंत्रता हासिल करने, लोकतंत्र की लड़ाई जीती है और मानवाधिकारों के मामलों में यह एक अनुकरणीय देश है. मगर अब तिमोर-लेस्ते को अब विकास की लड़ाई भी जीतनी है.

उन्होंने भरोसा दिलाया कि खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, सर्वजन के लिए स्वास्थ्य सेवा और बेहतर बुनियादी ढाँचे की दिशा में प्रयासों के लिए संयुक्त राष्ट्र, देश के साथ अपनी साझेदारी जारी रखेगा.

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