ताइवान (Taiwan) के विपक्षी दल कोमिंतांग पार्टी (KMT) ने हार मान ली है। कोमिंतांग पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार हू-यू-यी ने कहा है कि सभी पार्टियां मिलकर ताइवान की चुनौतियों से मिलकर निपटेंगी। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी लाई चिंग-ते (Lai Ching-te) को जीत के लिए बधाई भी दी है। इसके साथ ही लाई की जीत पर मुहर लग गई है।
ताइवान के वोटरों ने सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार लाई चिंग-ते (Lai Ching-te) को सत्ता की चाबी दी है। वह अब ताइवान के नए राष्ट्रपति बनेंगे। वह अब तक उपराष्ट्रपति के पद पर थे। उन्हें ताइवान में विलियम लाई के नाम से भी जाना जाता है। ताइवान के वोटरों ने उन्हें अस्वीकार करने के चीनी दबाव को मजबूती से खारिज कर दिया।
उनकी इस जीत के बाद चीन ने कहा है कि वह ताइवान को चीन में मिलाने के कदम से पीछे नहीं हटेगा। लाई चिंग-ते की पार्टी ताइवान की चीन से अलग पहचान की वकालत करती है और वह चीन के क्षेत्रीय दावों को खारिज करती है। लाई लंबे समय से चीन को खटकते रहे हैं। उनकी इस जीत के कारण ताइवान में चीन विरोधी भावनाएं मजबूत होंगी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लाई पहले राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं जिन्हें 50 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं।
चुनाव से पहले, चीन ने बार-बार लाई को एक खतरनाक अलगाववादी बताते हुए उनकी निंदा की थी। 13 जनवरी को हुए इस चुनाव में संसद की 113 सीटों के लिए भी वोटिंग हुई थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि बीते आठ साल तक सत्ता में रहने के बाद आवास की उच्च लागत और स्थिर मजदूरी जैसे घरेलू मुद्दों पर जनता की निराशा के कारण उनकी पार्टी डीपीपी ने संसद में अपना बहुमत खो दिया है जिससे कानून पारित करने में लाई का काम कठिन हो गया है।
लाई ने अपने दोनों विरोधियों के हार मानने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा है ‘हमने ताइवान के लोकतंत्र के इतिहास में एक नया पन्ना लिखा है।’ लाई ने कहा कि वह ताइवान जल डमरू मध्य में चीन के साथ संबंधों में यथास्थिति बनाए रखेंगे, लेकिन वह ‘ताइवान को चीन की धमकियों और धमकियों से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं’। इस चुनाव से पहले, चीन ने लाई को एक खतरनाक अलगाववादी के रूप में बता कर उनकी निंदा की थी।
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